बनबसा बॉर्डर पर आव्रजन अधिकारी की लापरवाही ना बन जाए कोराना संक्रमण की वजह,बिना हेंड ग्लब्ज पहले आव्रजन कर्मी कर रहे सीमा पर नेपाली नागरिकों के प्रमाण पत्रों की जांच,

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बनबसा(उत्तराखण्ड)- सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एक ओर जहां कोरोना की दूसरी लहर के बाद बढ़ रहे संक्रमन के बाद उसकी रोकथाम को लेकर लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सभी जिलों के अधिकारियो को कोरोना गाइड लाइन का सख्ती से पालन कराए जाने के निर्देश दे रहे है।वही दूसरी तरह चम्पावत जिले की नेपाल सीमा पर तैनात आव्रजन अधिकारी अपने कर्मचारियों के साथ कोरोना गाइड लाइन का खुला उलंघन कर कोरोना संक्रमण को बढ़ावा दे रहे है।

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बनबसा बॉर्डर पर बिना ग्लब्ज पहने व बिना सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किये नेपाल से आये नागरिको की जांच करते कैमरे में कैद हुए आव्रजन कर्मचारी

पूरे प्रकरण के अनुसार इन दिनों रोजाना नेपाल से आने वाले 300- 400 नेपाली नागरिको के पपत्रो की जांच बनबसा आव्रजन विभाग के हेड इन्दर सिंह द्वारा करवाई जा रही है।लेकिन बनबसा सीमा पर आव्रजन कर्मियों द्वारा की जा रही प्रमाण पत्रों की जांच में कोरोना गाइड लाइन के बावजूद हैंड ग्लब्ज का प्रयोग आव्रजन कर्मचारियों द्वारा नही किया जा रहा और ना ही शोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जा रहा जिससे कोरोना संक्रमण फैलने की पूरी सम्भावनाये बनी हुई है।वही बॉर्डर पर तैनात स्वास्थ्य विभाग की जांच से पहले ही जहां आव्रजन अधिकारी नेपालियों के प्रमाण पत्रों की जांच का कार्य बिना प्रॉपर हैंड ग्लब्ज के करवा रहे है।जबकि प्रोपर चैनल के अनुसार पहले नेपाल से आने वाले नागरिको का कोरोना रैपिड टेस्ट होना चाहिए उसके बाद कोरोना संक्रमण से सुरक्षित नेपाली नागरिको के प्रमाण पत्रों की जांच आव्रजन अधिकारी द्वारा करवाई जानी जानी चाहिए।लेकिन बनबसा बॉर्डर पर ऐसा नही किया जा रहा है।

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वही सूत्रों के अनुसार कोरोना सेम्पलिंग कर रही स्वास्थ्य विभाग की टीम के सदस्य आव्रजन अधिकारी इन्दर सिंह से निवेदन भी कर चुके है कि पहले नेपाल से आने वाली की कोरोना सेम्पलिंग होने दी जाए उसके बाद ही आव्रजन अधिकारी अपने कर्मचारियों से कोरोना जांच में निगेटिव आने वाले नेपाली नागरिको के प्रमाण पत्रों की जांच करे।लेकिन आव्रजन अधिकारी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की बात ना सुन कोरोना जांच से पहले नेपाल से आने वाले नागरिको के प्रमाण पत्रों की जांच करवा रहे है।जिससे एक ओर जहां बिना ग्लब्ज पहले व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ना कर जांच कर रहे आव्रजन कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित होने की सम्भावनाये बनी हुई है।क्योंकि शनिवार को जिन नेपाली नागरिको के प्रमाण पत्रों की आव्रजन कर्मचारियों ने बनबसा सीमा पर जांच की।उनमें से नेपाल से आये 4 नागरिक कोरोना पॉजिटिव निकले है।जिससे बाद आव्रजन कर्मचारियों में भी संक्रमण की संभावना जताई जा रही है।क्योंकि पॉजिटिव निकले नेपाल से आये
उन नागरिको की कोरोना गाइड लाइन का पालन ना करते हुए आव्रजन कर्मचारियों द्वारा प्रमाण पत्रों की जांच की गई थी।

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वही जब बेबाक उत्तराखण्ड द्वारा चम्पावत जिले के सीएमओ आरपी खंडूरी से बनबसा नेपाल सीमा पर स्वास्थ्य विभाग की कोरोना जांच से पहले आव्रजन टीम द्वारा नेपाल से आने वाले नागरिको के प्रमाण पत्रों की जांच बिना ग्लब्ज व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किये बिना करने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस तरह की प्रक्रिया को पूरी तरह गलत बताया ।उन्होंने बिना कोरोना जांच के नेपाल से आ रहे नागरिको के सम्पर्क में आने से कोरोना संक्रमण फैलने की बात कही।साथ ही सीएमओ चम्पावत द्वारा तुरंत इस प्रक्रमण में जिले के डीएम व एसपी से वार्ता कर कोरोना गाइड लाइन के हिसाब से ही बनबसा बॉर्डर पर कोरोना जांच के उपरांत ही प्रमाण पत्रों की जांच करवाएं जाने की बात कही।फिलहाल अब देखना होगा कि आव्रजन विभाग बनबसा की बॉर्डर पर लापरवाही कब तक जारी रहती है।

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