खटीमा(उत्तराखंड) – सीमांत खटीमा के झनकईया खाली महुवत में बंगाली समाज के गोविंद मंदिर को सुरई वन रेंज की टीम ने अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत नष्ट कर दिया।मंदिर हटाए जाने से नाराज बंगाली समाज की महिलाओ ने जहां झनकइया पुल पर सड़क जाम कर अपना आक्रोश व्यक्त किया वही खटीमा तहसील पहुंच एसडीएम का घेराव कर न्याय की गुहार लगाई है।वही एसडीएम खटीमा ने पूरे मामले की जांच का ग्रामीणों को आश्वासन दिया है।हम आपको बता दे की विधानसभा चुनाव से पहले खटीमा के विधायक व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक लाख की राशि से इस मंदिर का वर्ष 2021-22 में सौन्दर्यकरण करवाया था।वही अब सुरई वन रेंज अधिकारियों द्वारा वन भूमि पर अतिक्रमण के नाम पर इस मंदिर को उजाड़ दिया गया है।जिसके बाद से बंगाली समाज जहां बेहद आक्रोशित है वही छोटे बच्चो के आँशु रुकने का नाम नही ले रहे हैै
हम आपको बता दे कि खटीमा के झनकईया खाली महुवट इलाके में शारदा नहर किनारे रामलीला मैदान में स्थित है गोविंद मंदिर को जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने पहले मुख्यमंत्री कार्यकाल में एक लाख की राशि से मंदिर के सौन्दर्यकरण का कार्य करवाया था।वही अब उसी मंदिर को अतिक्रमण के नाम पर खटीमा सुरई वन रेंज की टीम ने अब ध्वस्त कर दिया है।वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों को कोई भी पूर्ण नोटिस दिए बिना भारी फोर्स के साथ मंदिर को ध्वस्त करने की कार्यवाही कर डाली।वही मंदिर को ध्वस्त करने से आक्रोशित स्थानीय बंगाली समाज की महिलाओ ने अपना आक्रोश व्यक्त कर झनकईया पुल में जाम लगा सड़क को जाम कर डाला।पुलिस टीम के समझाए जाने के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने खटीमा तहसील परिसर पहुंच कर जहां एसडीएम का घेराव किया वही न्याय की गुहार लगाई।
आक्रोशित ग्रामीणों ने वन विभाग की कार्रवाई को पक्षपातपूर्ण बताते हुए जहाजों का घेराव कर न्याय की गुहार लगाई है।वही खटीमा उपजिलाधिकारी रविंद्र बिष्ट से इस पूरे मामले भूमि की जांच कर उचित कार्रवाई का ग्रामीणों को आश्वासन दिया है।साथ ही बिना नोटिस वन विभाग की कार्यवाही पर सवाल उठाए है।
बरहाल वन विभाग ने बंगाली समाज की आस्था के केंद्र गोविंद मंदिर को ध्वस्त कर जहां अपनी कार्रवाई को पूरा किया है। वही स्थानीय बंगाली समाज ने वन विभाग की कार्रवाई को पक्षपातपूर्ण बताते हुए प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है। साथ ही यह भी कहा है कि जिस मंदिर के सौन्दर्यकरण को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक लाख की राशि दे मंदिर का सौंदर्यकरण करवाया था।वही अब उस मंदिर पर आखिर क्यों वन विभाग ने अतिक्रमण के नाम पर उजाड़ दिया है।जबकि अन्य सरकारी भूमि पर बने धार्मिक स्थलों को छुआ भी नही गया है।
इस पूरे मामले में पीड़ित बंगाली समाज की महिलाओं सँग एसडीएम से मिली कांग्रेस महिला जिलाध्यक्ष रेखा सोनकर ने वन विभाग की कार्यवाही पर सवाल उठाए है।उन्होंने बिना नोटिश मंदिर को उजाड़े जाने पर अपना आक्रोश व्यक्त किया है।साथ ही वन विभाग की कार्यवाही को अन्यायपूर्ण व पक्षपातपूर्ण करार दिया है।उन्होंने यह भी सवाल उठाए है कि आखिर किसके इशारे व निर्देश पर बंगाली समाज के मंदिर को वन विभाग ने उजाड़ दिया।अगर कोई आदेश है तो उस आदेश को दिखाया जाय।अतिक्रमण कार्यवाही के नाम पर मनमानी ना कर सब पर समान कार्यवाही विधि अनुसार की जाय।