जिलाधिकारी ने दिए खटीमा आंगनबाड़ी केंद्रों में घटतोली व निम्न गुणवत्ता पोषाहार पर जांच के आदेश,बेबाक उत्तराखण्ड ने डीएम के खटीमा दौरे पर उठाया था आगनबाड़ी घटतोली का मुद्दा,


उधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)- जिलाधिकारी उधम सिंह नगर रंजना राजगुरु ने पूर्व में खटीमा दौरे पर बेबाक उत्तराखण्ड द्वारा खटीमा के आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार में घटतोली व निम्न गुणवत्ता मामले पर उठाए सवालों को आखिर कार गम्भीरता से लिया है। डीएम ने खटीमा आंगनबाड़ी केंद्रों में टीएचआर वितरण पर अनियमितता मामलों में जांच टीम नियुक्त कर 5 नवम्बर तक जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए है।

गौरतलब है कि जिले में 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों 03 वर्ष से 06 वर्ष तक बच्चों एवं गर्भवती/धात्री महिलाओं को जनपद में संचालित समस्त बाल विकास परियोजनाओं के माध्यम से टेक होम राशन/कुक्कड फूड/उर्जा पोषाहार का वितरण प्रत्येक माह की 05 तिथि को आंगनबाडी केन्द्रों पर जनपद स्तरीय समिति द्वारा समय-समय पर निर्धारित मानकों के अनुसार लाभार्थियों को दिया जाता है। जिलाधिकारी रंजना राजगुरू को विगत दिनों खटीमा भ्रमण के दौरान शिकायत प्राप्त हुयी थी कि कतिपय परियोजना के क्षेत्रान्तर्गत संचालित आंगनबाडी केन्द्रों में जनपद स्तरीय समिति द्वारा निर्धारित मानक/उच्च गुणात्तायुक्त के स्थान पर लाभार्थियों को निर्धारित मात्र से कम (घटतौली) एवं निम्न गुणवत्तायुक्त पोषाहार/टीएचआर का वितरण किया जाता है।

जिसपर जिलाधिकारी ने उक्त शिकायत का गम्भीरता से संज्ञान लेते हुये जाॅंच सत्यापन अधिकारी नामित किए है। उन्होंने नामित सत्यापन अधिकारियो को निर्देश दिये कि वे अपने आवंटित क्षेत्र में जाकर संचालित आंगनबाडी केन्द्रों में न्यूनतम 08-10 आंगनबाडी केन्द्रों का स्वंय स्थलीय निरीक्षण करते हुये आंगनबाडी केन्द्रों में वितरण हो रही सामाग्री की मात्रा एवं गुणवत्ता का परीक्षण करते अपनी सुस्पष्ट सत्यापन रिपोर्ट 05 नवम्बर 2020 को सांय तक जिला कार्यक्रम अधिकारी के ई-मेल पर [email protected] Com को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि यदि सत्यापन कार्यवाही के दौरान किसी भी प्रकार की अनियमित्ता परिलक्षित होती है तो इस हेतु सम्बन्धित दोषी अधिकारी/कर्मचारी को चिहिन्त करते हुये उसका नाम, पदनाम भी सत्यापन रिपोर्ट में अंकित करना सुनिश्ति करें।
गौरतलब है कि सीमान्त क्षेत्र में जनहित की पत्रकारिता को लेकर तेजी से उभरता “बेबाक उत्तराखण्ड” न्यूज़ पोर्टल जंहा लगातार विभागीय अनियमितता,भृष्टाचार, व जनसमस्याओं को उठा रहा है।वही बेबाक उत्तराखण्ड द्वारा उठाये गए मुद्दों पर सार्थक असर भी हो रहा है।जिलाधिकारी रंजना राजगरु द्वारा आगनबाड़ी प्रकरण में बैठाई गई जांच से निश्चित ही खटीमा क्षेत्र में नॉनिहालो,गर्भवती व धात्री महिलाओं के हक को मारने वाले लोग बेनकाब होंगे।साथ ही सरकारी तंत्र में रहकर भृष्टाचार को बढ़ावा दे सरकार की जनहित योजनाओं को पलीता लगाने वाले कर्मचारी व अधिकारी भी जांच उपरांत बेपर्दा होंगे।यही बेबाक उत्तराखण्ड वेब पोर्टल का का उद्देश्य भी सर्वदा रहा है।
