महिला समूह के स्वरोजगार के प्रयास दिखा रहे रंग,अब चम्पावत लोहाघाट के डाकघरों में महिला समूह के हाथों से निर्मित मिल रही राखियां

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लोहाघाट(चंपावत) – ग्रामीण उद्योग बेग वृद्धि परियोजना (रीप) एवं ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित सीएलएफ की महिलाओं द्वारा हाथों से बनी राखियों की अब से लोहाघाट व चंपावत के डाकघर परिसर में बिक्री की जाने लगी है। विभिन्न प्रकार की रंगीन एवं आकर्षक राखियों की लगातार मांग बढ़ती जा रही है।

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महिला समूह द्वारा स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए यह राखियों को बनाने का पहला प्रयास किया गया है जिसमें उन्हें शुरुआती तौर पर सफलता मिलती जा रही है। राखियों की बिक्री में सभी लोग सहयोग कर रहे हैं।

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रीप के जिला प्रबंधक श्री झा के अनुसार महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए इस प्रकार के कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया जाता रहेगा।फिलहाल राखी पर्व हेतु महिलाओ को स्वरोजगार से जोड़ने हेतु हस्त निर्मित रखियो का निर्माण किया गया।जिन्हे खरीदने में स्थानीय जनपद वासी भी उत्साह दिखाने लगे है।वही डाकघरों में राखियां बिक्री हेतु उपलब्ध हो गई है।

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Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 18 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

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