पहाड़ के जंगलों की हरियाली के बीच से निकल रही आग की लपटों ने वन विभाग की चिंता बड़ाई,वनाग्नी से वनों को बचाने के लिए चौतरफा प्रयास की है जरूरत

ख़बर शेयर कर सपोर्ट करें

चंपावत(उत्तराखंड)- वनों की आग से धू-धू कर जल रही दुर्लभ वन संपदा से मानव एवं प्रकृति को हो रहे भारी नुकसान को रोकने के लिए भले ही स्थानीय लोगों की संवेदनशीलता जागृत नहीं हो रही है लेकिन गर्मी का मौसम आते ही कुछ दिन प्रकृति के बीच सुकून का जीवन बिताने आ रहे पर्यटकों को यहां का नजारा देखकर पर्यावरण को हो रहे भारी नुकसान की पीड़ा को समझा जा सकता है। दिल्ली से मीठे रीठे के चमत्कार के लिए प्रसिद्ध गुरुद्वारा श्री रीठा साहिब की यात्रा पर आए पर्यटकों का कहना था कि यहां के लोग कितने भाग्यशाली हैं जिन्हें ऐसे माहौल में जीवन जीने का अवसर मिला है।लेकिन उत्तराखंड के वनों में लगने वाली आग चिंता जा सबब है।जिसको रोकने के प्रयास होने चाहिए।

देवभूमि में पर्यटन विकास की अपार संभावनाएं हैं हर व्यक्ति को सामूहिक रूप से आग पर काबू पाने के उपाय करने चाहिए मुंबई से आए तलवार दंपति ने भी इसी प्रकार अपनी चिंता जताई।

जंगलों को डिफेंस के बराबर दिया जाए महत्व – एसपी

यह भी पढ़ें 👉  चिंतनीय: शनिवार को टनकपुर नगर पालिका मतगणना से मीडिया को पूरी तरह रखा गया दूर,आखिर यह किस तरह का लोकतंत्र,अधिकारी मीडिया पर भी चला रहे अपने तुगलकी फरमान

चंपावत। पुलिस अधीक्षक अजय गणपति का कहना है कि देवभूमि में जिस तेजी के साथ पर्यटन,तीर्थाटन एवं साहसिक पर्यटन को महत्व दिए जाने के लिए जो सार्थक प्रयास किया जा रहे हैं, इसे जमीनी रूप देने के लिए वनों की हरियाली को बचाने के लिए नई सोच के साथ सामूहिक प्रयास किए जाने की तात्कालिक आवश्यकता बन गई है। उनका कहना है कि वनों को तैयार होने में पीढ़ियां बीत जाती हैं, किंतु मानवीय लापरवाही से वनों की हरियाली में अंगारे बिछा देती है, जो हम सबके लिए एक गंभीर चिंता व चुनौती का विषय है। इस कार्य के लिए लोगों को अपने पूर्वजों की विरासत को बचाने के लिए आगे ही नहीं आना है बल्कि इन वनों को डिफेंस के बराबर महत्व भी दिया जाना चाहिए।

यह भी पढ़ें 👉  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 28 जनवरी 2025 से उत्तराखण्ड में होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेल की विभिन्न व्यवस्थाओं का लिया जायजा,महाराणा प्रताप स्टेडियम देहरादून का स्थलीय निरीक्षण कर अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा निर्देश
Ad Ad Ad

Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 15 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

Related Articles