जापानी बुखार की सीमान्त क्षेत्र खटीमा में दस्तक,दो मासूम बच्चियों की मौत के बाद हरकत में आया स्वास्थ्य विभाग

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खटीमा(उधम सिंह नगर)- वर्तमान समय मे एक तरफ जहां सीमांत खटीमा इलाका कोरोना वायरस संक्रमन से जूझ रहा है वही अब जापानी बुखार इंसेफ्लाइटिस ने भी सीमांत इलाके में अपनी दस्तक दे दी है। खटीमा के बलुआ बगुलिया ग्राम सिसैया गांव की दो बच्चियों ने हल्द्वानी इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है। दोनों ही बच्चियां जापानी बुखार इंसेफेलाइटिस से पीड़ित थी।दोनों बच्चियां जंहा सगी बहने थी वही उनकी मौत से उनके परिवार में शोक की लहर है।वही जापानी बुखार से दो सगी बहनों की मौत के बाद जिला प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य महकमा हरकत में आ गया है।

जापानी बुखार से दो मासूम बेटियों को खोने वाला शोकाकुल परिवार

पूरे मामले के अनुसार खटीमा नेपाल सीमा के गांव से बलुआ बगुलिया निवासी सुनील की 8 वर्षीय करिश्मा व 6 वर्षीय अर्चना को तेज बुखार आया था। स्थानीय डॉक्टर को दिखाने के बाद भी जब बुखार नही उतरा तो सुनील द्वारा निजी अस्पताल खटीमा में बच्चियों का उपचार कराया गया। जब वहाँ पर भी लाभ ना होने पर 27 अगस्त को शुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी को इलाज हेतु रेफर कर दिया गया था। जंहा पर इलाज के दौरान दोनों बच्चियों ने दम तोड़ दिया। वही स्थानीय लोगो के अनुसार जंहा आर्थिक स्थिति सही ना होने की वजह से बच्चियों के पिता इलाज नही करा पाया। जबकि हल्द्वानी सुशीला तिवारी में भी बच्चियों को पर्याप्त इलाज नही मिल पाया। जिसके चलते बच्चियों ने बुखार से दम तोड़ दिया।जबकि म्रतक बच्चियो का पिता स्वंयम आर्थिक तंगी की वजह से उसकी बच्चियो को सही इलाज ना मिलने की बात कह रहा है।साथ ही पैसा ना होने की वजह से सुशीला तिवारी हॉस्पिटल में डॉक्टरों द्वारा उसकी बच्चियो का इलाज सही ढंग से नही करने की पीड़ा बया कर रहा है।

म्रतक बच्चियो का खटीमा सिसैया स्थित घर

जबकि खटीमा नागरिक चिकित्सालय की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुषमा नेगी का इस प्रकरण पर कहना है खटीमा के बगुलिया गांव में जिन दो बच्चियों की हल्द्वानी सुशीला तिवारी हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गई है। उन दोनो बच्चियों को जापानी बुखार होने की बात सामने आयी है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव का दौरा कर पूरे मामले की जानकारी ली है। यह परिवार दो साल पहले ही खटीमा के बगुलिया गांव में आया है, उससे पूर्व यह परिवार रुद्रपुर में रहता था। तथा इनको बचपन में इंसेफ्लाइटिस के टीके नहीं लगने की बात सामने आयी है।जापानी बुखार की रोकथाम हेतु आशाओं के द्वारा पूरे गांव में 2 साल तक के छोटे बच्चों का सर्वे कराकर टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जाएगा।वही जिलाधिकारी उधम सिंह नगर ने भी इस मामले में सीएमओ सहित स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों व प्रशासनिक टीम की बैठक ले जापानी बुखार रोक थाम व आवश्यक टीका करन के कड़े निर्देश दिए है।

Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 15 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

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