धरती का स्वर्ग एवं आध्यात्मिक शांति का उद्गगम है अद्वैत आश्रम मायावती-राज्यपाल गुरमीत सिंह

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राज्यपाल बोले यहां आकर हुई आत्मा के परमात्मा से मिलने की अनुभूति।

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दुनिया के लोगों को यहां तीन दिन रह कर लेना चाहिए। अलौकिक दैविक आनंद।

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मनोज कापड़ी संवाददाता लोहाघाट।

लोहाघाट(चंपावत)- अद्वैत आश्रम मायावती धरती का स्वर्ग है जहां निश्चल भावना से आने पर आत्मा का परमात्मा से सीधा साक्षात्कार होने लगता है। चारों ओर से सघन वनों से आच्छादित आश्रम में सेवा, त्याग व समर्पण की ऐसी बयार बह रही है। जहां आने से व्यक्ति अपने को ईश्वरीय सत्ता के निकट महसूस करने लगता है। दुनिया के लोगों को यदि आध्यात्मिक एवं वेदांत के ज्ञान को प्राप्त करना है तो उन्हें यहां आकर तीन दिन मात्र से उन्हें जीवन में अलौकिक आनंद की अनुभूति होने लगेगी। यह बात पहली बार स्वामी विवेकानंद द्वारा स्थापित अद्वैतआश्रम मायावती की पावन माटी का तिलक लगाने आए उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कही। आश्रम में लगभग डेढ़ घंटा बिताने के बाद उन्होंने उस स्थान में भी ध्यान किया जहां 122 वर्ष पूर्व स्वामी विवेकानंद जी ने मायावती में एक पखवाड़े तक रहने के दौरान ध्यान किया था। उन्होंने कहा आज उन्हेंआत्मा की परमात्मा से सीधा संबंध होने की एक ऐसी अनुभूति हुई है जिसे वह अपने साथ ले जा रहे हैं ।यहां से 3५०किलोमीटर लंबी हिमालय की ऐसी श्रंखला दिखाई देती है जिससे प्रत्यक्ष आभास होता है कि इस स्थान में शिव शक्ति विघ्यमान है। जो लोग अपनी उलझन भरी जिंदगी में सकून प्राप्त करना चाहते हैं उन्हें यहां आकर ब्रह्मांड को समझना चाहिए।यहां से निकलने वाली ज्ञान की तरंग दुनिया में जानी चाहिए।

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राज्यपाल ने कहा यहां के धर्मार्थ चिकित्सालय द्वारा नर को नारायण मानकर इस अंचल के लोगों की जिस भावना से सेवा की जा रही है उसे देखकर यहां सेवा कर रहे विद्वान व समर्पित संतो के सामने हर कोई अपना मस्तक झुका देगा। जहां कहीं भी स्वामी विवेकानंद जी एवं आदि गुरु शंकराचार्य जी गए उस स्थान की माटी पवित्र होकर अपनी अलौकिक सुगंध से महक गई है। उन्होंने कहा वह जो कुछ भी है उनके जीवन में स्वामी विवेकानंद जी की पुस्तक के अध्ययन ने सदा उन्हें पुरुषार्थी बनने, हिमालय की तरह अपने कर्तव्य पथ में अडिग रहने तथा देश के लिए मर मिटने की ऐसी प्रेरणा मिली है जिस मार्ग में उन्हें पग-पग मैं लगातार आगे बढ़ने का साहस मिलता रहा है। आश्रम के अध्यक्ष स्वामी शुद्धि दानंद जी महाराज ने उन्हें आश्रम द्वारा संचालित सेवा कार्य की जानकारी दी।

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इससे पूर्व अध्यक्ष समेत आश्रम के प्रबंधक स्वामी सुहृदयानंद, चिकित्सा प्रभारी स्वामी एक देवानंद,मधुरानंद, आत्ममयानंद,समानंद, मरणटकानंद, हरि महाराज, बृजेश महाराज एवं स्वामी पलक महाराज ने उनका पारंपरिक रूप से स्वागत किया। इस मौके पर डीएम नरेंद्र सिंह भंडारी,एसपी देवेंद्र पींचा समेत विभिन्न विभागाध्यक्ष मौजूद थे।

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