मनोज कापड़ी,स्थानीय संवाददाता
लोहाघाट(उत्तराखंड)- चंपावत जिले के स्वामी विवेकानंद राजकीय स्नाकोत्तर महाविद्यालय लोहाघाट में लाखो की लागत से बना छात्रावास सफेद हाथी बना हुआ है।जिले के सबसे पुराने डिग्री कॉलेज में शुमार लोहाघाट डिग्री कॉलेज में में छात्रावास तो बना है।लेकिन आज तक वार्डन नियुक्त ना होने की वजह से उसमे लम्बे समय से ताले लटके हुए है।जिस कारण लोहाघाट डिग्री कॉलेज में दुरस्त इलाके से शिक्षा ग्रहण करने को आने वाली छात्राओं को महंगे किराये के भवनों में रहकर शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर होना पड़ रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार लगभग 20 साल पहले बने लोहाघाट डिग्री कॉलेज के छात्रावास में वर्तमान में ताले लटके हैं। जिसमे कभी भी छात्रावास अधीक्षक (वार्डन) की तैनाती नहीं हुई। वार्डन की नियुक्ति क्यों नहीं हुई, इसकी कोई वजह कॉलेज प्रशासन बता नहीं पा रहा है। ऐसे में सवाल यह कि जब वार्डन ही न हो, तो छात्रावास के लिए आवेदन की प्रक्रिया भी कैसे शुरू हो।
गौरतलब है कि लोहाघाट पीजी कॉलेज चम्पावत जिले का सबसे पुराना पीजी कॉलेज में से एक है। 1978 में स्थापित जिले का यह अकेला कॉलेज है, जहां बीएड संकाय भी है।जिसमे इस वक्त 6000 से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं। इसमें बाराकोट, पाटी, श्रीरीठा साहिब, गुमदेश आदि के दूरदराज के छात्र-छात्राओं ने भी दाखिला लिया है। दूरदराज की छात्राओं की तादात को देखते हुए यहां छात्राओं के लिए आवासीय व्यवस्था की गई थी। 2001 में लाखों रुपए से कॉलेज परिसर में ही छात्रावास बनाया गया। इसमें 8 कमरों का निर्माण किया गया। पर ये आवास कभी छात्राओं के रहने के काम नहीं लाए जा सके। अलबत्ता कुछ समय यहां कंप्यूटर की कक्षाएं संचालित जरूर हुई।
अब यह छात्रावास पूरी तरह वीरान पड़ा है। छात्रावास के बाहर घास, झाड़ियां उग गई है। और तो और छात्रावास में पेयजल की भी कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं है।छात्रसंघ महासचिव राहुल जोशी का कहना है कि दूरदराज से आने वाली छात्राओं की दिक्कतों को देखते हुए महाविद्यालय प्रशासन से छात्रावास शुरू करने की मांग कई बार की जा चुकी है, लेकिन इसमें कॉलेज प्रशासन ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।
जबकि डिग्री कॉलेज प्राचार्य संगीता गुप्ता इस मामले में बताया है कि 6 छात्राओं का प्रार्थना पत्र छात्रावास में रहने के लिए मिला है। इस सत्र से छात्रावास को मूलभूत सुविधाओं के साथ सुचारू कर दिया जाएगा।फिलहाल छात्रावास के बंद होने व उच्च शिक्षा के लिए जिले के दुरस्त इलाको से लोहाघाट डिग्री कॉलेज दाखिल लेने वाली छात्राओं को छात्रावास भवन के खुलने का इंतजार है।ताकि छात्रावास में रहकर जिले की मेधावी छात्राये अपने भविष्य को सुनहरा बना सके।