रीठासाहिब(चंपावत)- मॉडल जिले में पुलिस सामाजिक विवादों को पुलिसिया अंदाज में निपटाने के बजाय लोगों के बीच आपसी समझ एवं उन्हें एक दूसरे का पूरक बनाकर कोर्ट कचहरी में जाने से भी रोक रही है। इसका ताजा उदाहरण लधियाघाटी के गडियूरा गांव में देखने को मिला, जहां सैम देवता के मंदिर में पूजा उपासना को लेकर ग्रामीणों के बीच पैदा हुए विवाद की स्थिति को देखते हुए थानाध्यक्ष कमलेश भट्ट ने दोनों पक्षों के बीच अलग-अलग वार्ता कर उनकी समझ एवं एक दूसरे के जीवन का पूरक होने की बातें अपने अंदाज में समझाने से दोनों पक्ष राजी हो गए।
थानाध्यक्ष का कहना था कि कभी-कभी नासमझी एवं उत्तेजना मैं हम लोग ऐसा काम कर देते हैं जिसके विवाद को निपटने में हमारा अनावश्यक धन बर्बाद होने के साथ हम तमाम परेशानियां मोल ले लेते हैं। जबकि ऐसे मामलों का हल हम आपसी समझ पैदा करने से ही कर सकते हैं ।
बाद में थाना अध्यक्ष की पहल पर दोनों पक्षों को एक मंच में लाकर उनके बीच पैदा हुई कटुता में मिठास घुल गई तथा दोनों पक्षों ने एक दूसरे का पूरक बनकर रहने का संकल्प लेते हुए अपने ईष्ट देवता को साक्षी मानकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस कार्य के लिए थानाध्यक्ष भट्ट के प्रति सभी ने आभार भी व्यक्त किया । इस अवसर पर पाटी के तहसीलदार व थानाध्यक्ष भी मौजूद थे। मालूम हो की लाधियाघाटी क्षेत्र में थानाध्यक्ष के रूप में कमलेश भट्ट के आने के बाद उनके द्वारा पुलिस व जनता को एक दूसरे का पूरक बनाकर यहां स्वस्थ सामाजिक माहौल पैदा किया गया है।