मयंक जोशी(वरिष्ट संवाददाता)
पिथौरागढ़(उत्तराखंड)- 2022 विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही सीमांत जिले पिथौरागढ़ में बेस अस्पताल का मुद्दा एक बार फिर से गरमाने लगा है। दरअसल बेस अस्पताल को शुरू करने के बजाय इसमें जिला अस्पताल की एक्सटेंशन ओपीडी यूनिट शुरू होने से सियासी घमासान मचा गया है। विपक्ष ने इसे चुनावी झुनझुना करार देते हुए सरकार पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है।
पिथौरागढ़ जिले में बेस अस्पताल को लेकर सियासत दशकों से जारी है। 2005 में एनडी तिवारी सरकार ने जिला और महिला अस्पताल को मिलाकर बेस अस्पताल बनाने का ऐलान किया था। मगर विपक्षी भाजपाइयों के विरोध के चलते ये मामला ठंडे बस्ते में चला गया। इसके बाद 2011 में बीजेपी सरकार ने चंडाक में बेस बनाने का काम शुरू किया, लेकिन सत्ता बदलने पर कांग्रेस ने बेस अस्पताल को चंडाक से पुनेड़ी में शिफ्ट कर दिया। पुनेड़ी में बेस अस्पताल के निर्माण में 65 करोड़ की धनराशि खर्च की जा चुकी है। लेकिन बेस अस्पताल को शुरू करने के बजाय इसमें जिला अस्पताल की एक्सटेंशन यूनिट शुरू कर दी। जिससे सियासी पारा फिर से सातवें आसमान पर चढ़ गया है। पूर्व विधायक और कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष मयूख महर का कहना है कि भाजपा सरकार 5 साल में बेस अस्पताल का संचालन शुरू नहीं कर पाई और अब इसे एक्सटेंशन यूनिट में तब्दील कर पिथौरागढ़ की स्वास्थ्य सेवाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है और जनता को धोखा देने का काम भाजपा कर रही है।
आपको बता दें कि बेस अस्पताल का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। यहाँ सीटी स्कैन से लेकर जरूरी मेडिकल स्ट्रुमेंट भी मौजूद हैं। लेकिन फिर भी बेस अस्पताल के संचालन का जीओ जारी नही हो पाया है। यही नही जरूरी मेडिकल और पैरा मेडिकल स्टाफ की भी नियुक्ति नही हुई है। हालांकि जिलाधिकारी कहना है कि ज़िला अस्पताल और महिला अस्पताल में कम जगह की वजह से बेस में एक्सटेंशन ओपीडी शुरू की गयी है। बेस के विधिवत शुरुआत की कार्यवाही गतिमान है और जल्द ही बेस शुरू हो जाएगा।