अजब-गजब:अंतिम संस्कार के तीन दिन बाद जिंदा निकला खटीमा का नवीन,लेकिन नवीन के परिजनों ने जिसका किया अंतिम संस्कार वो था आखिर कौन,परिवार पड़ा पसोपेश में,पूरे इलाके में बना चर्चा का विषय,पढ़िए पूरी खबर

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खटीमा(उत्तराखंड)- कभी-कभी कुछ ऐसी घटनाएं घटित हो जाती हैं,जो होती तो रियल है लेकिन वो जिस अंदाज में घटित होती है वो किसी फिल्मी कहानी सी लगने लगती है।उत्तराखंड के सीमांत जनपद उधम सिंह नगर के खटीमा तहसील क्षेत्र के श्रीपुर बिछुवा में भी कुछ ऐसा वाक्या सामने आया है जिससे पूरे इलाके के लोग अचरज में पड़ गए है।

पूरे मामले के अनुसार श्रीपुर बिछुवा गांव निवासी धर्मानंद भट्ट के 42 वर्षीय पुत्र नवीन भट्ट अपने आचरण के वजह से पिछले कुछ समय से परिवार के संपर्क में नही थे।वह वर्तमान में रुद्रपुर में कही काम कर रहे थे।इस पूरे रोचक प्रकरण की प्रकरण की शुरुआत तब होती है जब परिवार से पुलिस द्वारा संपर्क किया जाता है की एक अज्ञात शव हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में मौजूद है जिसकी प्राथमिक शिनाख्त नवीन भट्ट खटीमा श्रीपुर बिछुआ के रूप में हुई है। वह लोग हल्द्वानी सुशीला तिवारी पहुंचकर कर शव की शिनाख्त कर ले। वही इस सूचना के बाद परिजनों में जहां कोहराम मच जाता है वही नवीन भट्ट के परिजन गांव के ही कुछ लोगों को लेकर हल्द्वानी की सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंचते हैं, जहां परिजनों द्वारा शव की शिनाख्त नवीन भट्ट के रूप में करने के बाद वह उक्त शव को लेकर 25 नवंबर की शाम को अपने घर श्रीपुर बिछुवा पहुंचते हैं। जहां रात भर शव रखने के बाद 26 की सुबह हिंदू विधि विधान के साथ बनबसा के शारदा घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया जाता है।जिसके उपरांत नवीन भट्ट का पुत्र गीतेश अपने पिता के क्रिया हेतु बैठता है। वही नवीन भट्ट के परिजन स्थानीय ग्रामीण उच्च घटना के बाद लगातार उनके घर पर शोक जताने भी पहुंचते हैं।

अज्ञात शव जिसकी शिनाख्त कर नवीन के परिजनों ने किया अंतिम संस्कार

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लेकिन इस पूरी घटनाक्रम में रोचक मोड़ तब आता है जब नवीन का भाई जो की रुद्रपुर में होटल चलता है उसको उसके परिचित का फोन आता है कि उसकी दुकान आजकल क्यों बंद है वह कहां है। तो अपने परिचित को बताता है कि उसके भाई नवीन का देहांत हो गया है वह फिलहाल क्रिया क्रम करने घर आया हुआ है। यह बात सुनकर नवीन के भाई का परिचित चौक जाता है ,वह कहता है कि मेने नवीन को अभी ही कुछ देर पहले देखा था। उक्त सूचना को सुनकर नवीन के भाई का परिचय तुरंत मौके से नवीन के पास पहुंचकर वीडियो कॉल से नवीन के परिजनों से उसकी वार्ता कराता है। जिस पर नवीन अपनी जिंदा होने की बात अपने परिजनों से कहता है। तो नवीन के परिजन उक्त घटना के बाद अचरज में पड़ जाते हैं, की जिस लाश की शिनाख्त कर उन्होंने उसका अंतिम संस्कार किया था तो वह आखिर कौन था। जो हूं वह नवीन की शक्ल से मिलता जुलता था। इस घटना के बाद परिजन सहित पूरा गांव अचरज में पड़ा हुआ है। उक्त मामले की सूचना नवीन के परिजनों द्वारा पुलिस को भी दे दी गई है।

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अंतिम संस्कार के उपरांत तीन दिन बाद जिंदा घर पहुंचा नवीन भट्ट अपने पिता धर्मानंद भट्ट के साथ

वही नवीन भट्ट भी इस घटना के बाद अपने घर श्रीपुर बिछुआ रुद्रपुर से जहां पहुंच गया है वही उसके जिंदा पहुंचने पर उसके परिजनों का खुशी का ठिकाना नहीं है। लेकिन अब बड़ा सवाल यह है उठ रहा है की नवीन समझकर जिस लाश को नवीन के परिजनों ने फूंक डाला वह आखिर था कौन। उक्त घटना के बाद पूरे इलाके में यह बात आग की तरह फैल गई है। कि आखिर नवीन के परिजन लावारिस लाश को देखकर धोखा क्यों खा गए। कोई व्यक्ति आखिर कैसे इतना मिल सकता है, कि किसी के परिजन भी धोखा खा जाए। वहीं अब पुलिस के लिए भी यह घटना जांच का विषय बन गई है कि आखिर जिस लाश की शिनाख्त पुलिस ने नवीन के रूप में कि वह तथ्य आखिर पुलिस को कहां से मिले।

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उक्त पूरा समाचार श्रीपुर बिछुवा के पूर्व प्रधान व सामाजिक कार्यकर्ता रमेश सिंह महर जी की सूचना के आधार पर लिखा गया है।

Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 15 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

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