बगवाल का नेतृत्व करने वाले खाम प्रमुखों की भूमिका होती है सेनानायक के समान,जिलाधिकारी पुलिस अधीक्षक एवं मंदिर कमेटी की ओर से खाम प्रमुखों का किया गया सम्मान

ख़बर शेयर कर सपोर्ट करें

देवीधुरा(उत्तराखंड)- परमाणु युग में पाषाण युद्ध के लिए विख्यात देवीधुरा के बगवाल मेले में महर एवं फर्त्याल दो धड़ों के बीच शताब्दियों से चली आ रही है बगवाल, आज के समय में कोतुहल का विषय बनी हुई है। महर एवं फर्त्याल धड़ों के लोग चार खामो में बंटे हुए होते हैं। खाम प्रमुख की बगवाल के मैदान में सेनानायक की भूमिका रहती है। इन्हें अपनी खामो में ही नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र में लोग श्रद्धा एवं सम्मान की दृष्टि से देखते हैं। बगैर खाम प्रमुखों की उपस्थिति के यहां पूजा अनुष्ठान नहीं होता है। यू कहा जाए की देवीधुरा के बाराही मंदिर में कोई भी पूजा अर्चना, अनुष्ठान, सांगी पूजन आदि तमाम पूजा इनके बगैर अधूरी मानी जाती है। आज भले ही बाराही मंदिर कमेटी या बाराही मंदिर ट्रस्ट का गठन किया गया हो, इससे पहले सभी खामो के प्रमुख ही बगवाल की तैयारीयां किया करते थे।

यह भी पढ़ें 👉  टनकपुर निकाय की सरकार.. गर्मी सीजन के आगमन में ही दिखने लगी बेहाल,शुद्ध पेयजल को लेकर वार्ड की जनता हलकान,पूर्व सभासदों ने चेयरमैन से लगाई पेयजल आपूर्ति की गुहार

मंदिर कमेटी के संरक्षक एवं मेले को शून्य से शिखर तक ले जाने वाले लक्ष्मण सिंह लमगड़िया ने शुरूवाती तौर में मेले में नागरिक सुविधाओं का विस्तार करने के लिए बाराही मंदिर कमेटी का गठन किया गया था।
बगवाल खेलने वालों में गहणवाल खाम के वयोवृद्ध खाम प्रमुख त्रिलोक सिंह बिष्ट में बगवाल के प्रति ऐसा जुनून होता था कि वह अपने पिताश्री गोपाल सिंह बिष्ट के साथ 8 वर्ष की आयु से ही बगवाल में भाग लेते आ रहे हैं। आज बिष्ट अपनी चार पीढ़ियों के साथ बगवाल में भाग लेते आ रहे हैं। 95 वर्षीय बिष्ट बगवाल के पुरातन स्वरूप में किसी प्रकार के बदलाव व छेड़छाड़ के खिलाफ रहे हैं।

यह भी पढ़ें 👉  टनकपुर निकाय की सरकार.. गर्मी सीजन के आगमन में ही दिखने लगी बेहाल,शुद्ध पेयजल को लेकर वार्ड की जनता हलकान,पूर्व सभासदों ने चेयरमैन से लगाई पेयजल आपूर्ति की गुहार

वालिक खाम के प्रमुख बद्री सिंह बिष्ट, लमगड़िया खाम के युवा खाम प्रमुख वीरेंद्र सिंह लमगड़िया एवं चमियाल खाम के प्रमुख गंगा सिंह चम्याल का जिला अधिकारी नवनीत पांडे, एसपी अजय गणपति, मंदिर कमेटी के मुख्य संरक्षक लक्ष्मण सिंह लमगड़िया, ब्लॉक प्रमुख सुमन लता, मंदिर कमेटी के अध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट आदि ने उन्हें सम्मानित करते हुए कहा कि शताब्दियों से पूर्वजों की विरासत बगवाल की धार्मिक आस्था की डोर ने समूचे क्षेत्र को एकता के सूत्र में बांधते आ रहे हैं। खाम प्रमुखों का सम्मान उस भावना, इच्छा शक्ति का सम्मान है जो पीढ़ी दर पीढ़ी इस महान आयोजन को संपन्न करते आ रहे हैं। सामाजिक दृष्टि से जिलाधिकारी नवनीत पांडे के वंशज अनादिकाल से मां बाराही धाम के कुल पुरोहित हैं।

यह भी पढ़ें 👉  टनकपुर निकाय की सरकार.. गर्मी सीजन के आगमन में ही दिखने लगी बेहाल,शुद्ध पेयजल को लेकर वार्ड की जनता हलकान,पूर्व सभासदों ने चेयरमैन से लगाई पेयजल आपूर्ति की गुहार

आज भी पूजा करने का अधिकार उन्हें ही मिला हुआ है। डीएम पांडे का कहना है कि अब बगवाल की ख्याति सात समुंदर पार तक पहुंच गई है तथा बगवाल देखने के लिए लोग काफी लालाइत रहते हैं‌। पहली बार मेले की व्यवस्था देख रहे पुलिस अधीक्षक अजय गणपति का कहना है कि खाम के मुखियाओं का सम्मान हमारे पूर्वजों की भावनाओं का सम्मान है, जो बगवाल की परंपरा के ध्वजवाहक बने हुए हैं।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad

Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 18 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

Related Articles