उत्तराखंड खटीमा के बाल विज्ञानी ध्रुव डाबर का वैज्ञानिक विचार देश के शीर्ष 60 नवाचारों में हुआ सम्मलित,इंस्पायर अवार्ड्स की 9वी राष्ट्रीय स्तर प्रदर्शनी व परियोजना प्रतियोगिता में हुए सम्मानित

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नई दिल्ली – इंस्पायर अवार्ड्स की 9वीं राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिता (NLEPC) में उत्तराखंड के बाल विज्ञानी ध्रुव डाबर का वैज्ञानिक विचार देश के शीर्ष 60 नवाचारों में सम्मलित हुआ है।उत्तराखंड के बाल वैज्ञानिक के रूप में उन्हे राष्ट्रीय स्तर के इस आयोजन में सम्मानित किया गया है।

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हम आपको बता दे की INSPIRE अवार्ड्स की 9वीं राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिता (NLEPC) – MANAK (मिलियन माइंड्स ऑगमेंटिंग नेशनल एस्पिरेशंस एंड नॉलेज) का उद्घाटन 14 सितंबर 2022 को ITPO, दिल्ली में हुआ, जहाँ देश भर के स्कूलों के 556 छात्रों के प्रदर्शन प्रदर्शित किए गए। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. अखिलेश गुप्ता ने प्रदर्शनी का शुभारंभ किया और देश के सभी हिस्सों के छात्रों के साथ बातचीत की, जो अपने नवाचारों का प्रदर्शन किये। छात्रों ने अपने नवाचारों के बारे में आगंतुकों और जूरी सदस्यों को इस बारे में बताया। नवाचारों ने राष्ट्रीय प्राथमिकताओं की प्राप्ति को प्रतिबिंबित किया जैसे कि विकलांगों के लिए प्रौद्योगिकी, कृषि उपकरण, स्वच्छता और स्वच्छता के लिए, साथ ही स्थानीय और दिन-प्रतिदिन की आवश्यकताएं जैसे फल चुनना इत्यादि। उनमें से कुछ डिजिटल प्रौद्योगिकी से संबंधित नवाचार थे जो डिजिटल अर्थव्यवस्था में योगदान दे सकते थे।

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इस अवसर पर डॉ. नमिता गुप्ता, प्रमुख – इंस्पायर अवार्ड्स एवं वैज्ञानिक जी, डीएसटी; डॉ. विपिन कुमार (निदेशक, एनआईएफ) डॉ संदीप बंसल, डॉ नितिन मौर्य, डॉ नवनीत, वैज्ञानिक डीएसटी।
उत्तराखंड से 09 चयनित बच्चों का नेतृत्व राज्य समन्वयक अवनीश उनियाल, निर्मल कुमार न्योलिया व अलख नाथ दुबे द्वारा किया गया। जिसमें ध्रुव डाबर द्वारा हिमांशु पंगरिया के मार्गदर्शन में शहरी दूषित पानी से उर्वरक निर्माण व पानी की अति-पोषकता को कम कर ALGAL BLOOM की समस्या को कम करने संबंधी प्रोटोटाइप को राष्ट्रीय स्तर पर चयनित किया गया है। ध्रुव डाबर ने इस एनएलईपीसी से सफलतापूर्वक शीर्ष 60 में प्रवेश करने वाले छात्र बने जिन्हें 16 सितंबर को विज्ञान और प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ जितेंद्र सिंह द्वारा विज्ञान भवन, नई दिल्ली में पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

यह प्रदर्शनी अपनी तरह की अनूठी है, क्योंकि यह नवाचारों की विविधता और भौगोलिक संतुलन का प्रतिनिधित्व करती है, जिसमें वर्ष 2020-21 के दौरान, देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कुल 6.53 लाख विचार और नवाचार प्राप्त हुए थे जो 14-15 सितंबर 2022 तक प्रगति मैदान के हाल संख्या 05 में सम्पन्न हुई। खटीमा के ध्रुव डाबर द्वारा मौलिक रूप से यह विचार अपने सहपाठी परिधि सिंघल के साथ बबीता सिंह के मार्गदर्शन में 27वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस-2019 के अंतर्गत परियोजना शीर्षक: ‘जैव उर्वरक तैयार करने के लिए खटीमा की यूट्रोफिकेटेड जलीय बंजर भूमि से शैवाल के उपयोग का अध्ययन’ के माध्यम से दिया गया था, तब वह खटीमा के सर्राफ स्कूल ऊधम सिंह नगर में नवीं कक्षा के छात्र थे। जिसे यूकॉस्ट की टीम के साथ डॉ विकास नौटियाल व डॉ जगवीर असवाल के नेतृत्व में तिरुवंतपुरम में राष्ट्रीय स्तर पर शोध अनुभव प्रस्तुत किया जो इस प्रकार है- हमारा मुख्य उद्देश्य दूषित जल से अमोनियम और फॉस्फेट निकालने से पहले यूट्रोफिकेशन को रोकना और मृत क्षेत्रों (ऑक्सीजन की कमी वाले जलीय क्षेत्र) बनाने से पहले शैवाल के मौजूदा अतिवृद्धि का उपयोग करना है। शोध में जिक्र किया कि यह समस्या कितनी विशाल है कि यह पारिस्थितिकी तंत्र को कैसे प्रभावित करती है। इस प्रक्रिया के बारे में व्यावहारिक ज्ञान हासिल करने के लिए सर्वेक्षण किया और प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण किया।

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इस शोध में खटीमा के पास की नदी से पानी एकत्र किया और अमोनियम और फॉस्फेट के लिए इसका परीक्षण किया फिर NaOH जोड़कर पानी का PH मान बढ़ाया, फिर मैग्नीशियम अमोनियम फॉस्फेट हेक्साहाइड्रेट प्राप्त करने के लिए इस पानी में मैग्नीशियम क्लोराइड मिलाया। फिर पौधों की आवश्यकता के अनुसार पोषक मूल्य को संतुलित करने के लिए शैवाल की विभिन्न प्रजातियों के गुच्छों से जैव उर्वरक बनाने के का विचार प्रस्तुत किया।

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इस मौलिक विचार को शोध परियोजना में ढालने में राजीव गांधी नवोदय विद्यालय खटीमा के जीव विज्ञान व्याख्याता व विज्ञान मैंटर निर्मल कुमार न्योलिया की अहम भूमिका रही है। अब अगले चरण में इन 60 नवाचारों को तकनीकि में परिवर्तित करने के लिए राष्ट्रीय नवाचार प्रतिष्ठान (अहमदाबाद) की कार्यशाला में सम्मलित किया जाएगा जिसमें उद्योग जगत के एक्स्पर्ट्स की निगरानी में सामाजिक उद्यम के महत्व को ध्यान में रखते हुए तकनीकि हस्तांतरण व स्टार्ट अप के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

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