
बनबसा(चंपावत)- चंपावत जिले के बनबसा नेपाल बॉर्डर पर सशस्त्र सीमा बल के द्वारा मादक पदार्थ तस्करी रोकथाम के साथ-साथ ह्यूमन ट्रैफिकिंग को लेकर भी जहां लगातार चौकसी बरती जा रही है। वहीं एसएसबी की बनबसा बॉर्डर पर इसी चौकसी के चलते सशस्त्र सीमा बल द्वारा नेपाल से बहला-फुसलाकर भारत लाई जा रही एक 15 वर्षीय किशोरी को बरामद कर नेपाल में मानव तस्करी रोकथाम को लेकर कार्य कर रही है एनजीओ के सकुशल सपुर्द कर दिया।
हम आपको बता दे की अनिल कुमार नेहरा कमांडेंट 57वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल सितारगंज के दिशा निर्देश पर सीमा पर मानव तस्करी की रोकथाम के लिए सीमा पर सशस्त्र सीमा बल की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की तैनाती की गई है।19 फरवरी को सशस्त्र सीमा बल की सी – समवाय चेक पोस्ट बनबसा पर चेकिंग ड्यूटी के दौरान सशस्त्र सीमा बल की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग टीम ने एक युवक और युवती को जो कि नेपाल से भारत आ रहे थे संदेह होने पर रोककर युवक और युवती से पूछताछ की, पूछताछ में मामला संदिग्ध प्रतीत हुआ।
मानव तस्करी के अपराध को देखते हुए शांति पुनर्वास स्थापना गृह (एनजीओ) (नेपाल) को मौके पर बुलाया सशस्त्र सीमा बल की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग टीम व शान्ति पुनर्वास स्थापना गृह के द्वारा दोनों से संयुक्त पूछताछ की गई पूछताछ में युवक ने अपना नाम कृष्ण सिंह कुंवर, पुत्र- मनवीर सिंह कुंवर, ग्राम- कोर्ट , नगर पालिका – महाकाली, जिला – दार्चुला (नेपाल )तथा युवती ने अपना नाम अनामिका (काल्पनिक) जिला-बैतड़ी (नेपाल) बताया सी समवाय बनबसा के कंपनी कमांडर सहायक कमांडेंट दीवान सिंह कार्की ने बताया कि पूछताछ में युवक ने बताया कि अनामिका मेरी पत्नी है और चार महीने पहले मेरी शादी हुई है और हम दोनों शिमला जा रहे हैं। परंतु युवती को भारत में कहां और किधर जाना है यह पता नहीं था।
चूंकि युवती के पास नागरिकता या शादी का कोई प्रमाण पत्र नहीं था इसलिए युवती से उसे घर का संपर्क नंबर मागा गया और युवती के भाई से फोन पर बात हुई तो पता चला कि युवती नाबालिक है और उसकी उम्र 15 वर्ष है।कृष्ण नाम का युवक अनामिका के माता-पिता की जानकारी के बिना नाबालिक अनामिका को बहला-फुसलाकर किसी गलत उद्देश्य से झूठ बोल कर नेपाल से भारत ले जा रहा था प्रथम दृष्टया में मामला मानव तस्करी से संबंधित लगने पर पकड़े गए और नाबालिक किशोरी को उनके व्यक्तिगत सामान के साथ APF नेपाल की मदद से नेपाल पुलिस , शान्ति पुनर्वास स्थापना गृह गड्ढा चौकी, कंचनपुर नेपाल को सुपुर्द किया गया।
इस पूरे मामले के दौरान सहायक कमांडेंट दीवान सिंह कार्की ,एएसआई विनोद कुमार ,मुख्य आरक्षी गौरी शंकर राठौर ,महिला आरक्षी लक्ष्मी रावत मौजूद थे।






