खटीमा(उत्तराखंड)-तराई किसान एवं भूमि सुधार संघर्ष समिति के केंद्रीय महासचिव व वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भगवान जोशी ने
थारू गैर थारू भूमि विवाद एवं खटीमा क्षेत्र के चिन्हित व् गैर चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों की वर्षों से लंबित समस्या पर दोनो राष्ट्रीय पार्टियों को आड़े हाथ लेते हुए आक्रोश व्यक्त किया है।
तराई किसान एवं भूमि सुधार संघर्ष समिति के केंद्रीय महासचिव तथा वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भगवान जोशी ने कहा की थारू गैर थारू भूमि विवाद एवं खटीमा क्षेत्र के चिन्हित व् गैर चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों की वर्षों से लंबित समस्या आज भी जस की तस है ।
इन गंभीर मुद्दों पर दोनों राष्ट्रीय पार्टियों(कांग्रेस व् भाजपा)की चुप्पी पर गहरी चिंता व् निराशा व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि खटीमा की जनता ने क्रमशः बलराज पासी (1991),इला पन्त (1999),भगत सिंह कोश्यारी (2014) तथा अजय भट्ट (2019) को पिछले लोकसभा चुनावों में भारी बहुमत से विजयी बनाकर संसद में मे इस उद्देश्य से भेजा था कि इस क्षेत्र के गैर थारू कृषको की वर्षो से लंबित ज्वलन्त समस्या का समाधान निकल सके ,जबकि पिछले 10 वर्षों से केंद्र एवं राज्य में भाजपा की सरकार रही तथा खटीमा से लगातार दो बार विधायक रहे धामी जी वर्तमान में स्वयं प्रदेश के मुखिया हैं।जबकि प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस भी इन अहम मुद्दों पर उदासीन बनी रही है।
भगवान जोशी ने खटीमा क्षेत्र के चिन्हित व् गैर चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों की सरकार द्वारा की जा रही लगातार घोर उपेक्षा पर कड़ा एतराज जताया तथा पूर्ण बहुमत होने के उपरांत भी गैर थारू किसानों एवं राज्य आंदोलनकारियों की वर्षों से लंबित मांग पर कोई भी निर्णायक समाधान न किये जाने पर गहरा रोष प्रकट किया।
लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2024 में राष्ट्रीय पार्टियों को खटीमा क्षेत्र की इन अहम समस्याओं पर अपनी स्थिति को स्पष्ट करना चाहिए साथ ही स्थानीय गैर जनजाति आवाम व राज्य आंदोलनकारियों को उनकी लम्बे समय से लंबित समस्याओं हेतु ठोस आश्वासन देना चाहिए।अगर राष्ट्रीय दोनो राष्ट्रीय पार्टियों चुनाव की दहलीज पर भी इन महत्वपूर्ण मामले में उदासीन बनी रहती है तो साफ समझा जायेगा की दोनो को सीमांत क्षेत्र के महत्वपूर्ण मुद्दों से कोई सरोकार नहीं है।