उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध माता पूर्णागिरी मेला प्रबंधन को पारदर्शी व उत्तरदाई बनाने को उपजिलाधिकारी हिमांशु कफल्टिया की कवायद जारी,आप भी जाने आदर्श मेला प्रबंधन हेतु क्या किये जा रहे प्रयास

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टनकपुर(उत्तराखंड)- उत्तराखंड में कुंभ मेला व चार धाम धार्मिक यात्रा के अलावा कोई धार्मिक मेला अगर प्रदेश में सबसे अधिक समय तक चलता है तो वह है चंपावत जिले के टनकपुर तहसील क्षेत्र में माता पूर्णागिरी धाम में होली के अगले दिन से लगने वाला मां पूर्णागिरी मेला है।लगभग तीन माह की अवधि में हर वर्ष लगने वाले इस बड़े धार्मिक मेला आयोजन की जिम्मेदारी माता पूर्णागिरी मेला आयोजन समिति की है।मेला क्षेत्र में लाखों श्रद्धालुओं के सुलभ व सुरक्षा के साथ मेला दर्शनों की व्यवस्था करने सहित मेला क्षेत्र में शुद्ध पेयजल,पथ प्रकाश,वाहन पार्किंग, रैन बसेरे, आदि व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी भी मेला संचालन समिति की है।

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टनकपुर पूर्णागिरी तहसील के उपजिलाधिकारी हिमांशु कफल्टिया की अध्यक्षता में जिला पंचायत व मंदिर समिति के पुजारियों के साथ मिल कर मेला संचालन समिति इस भव्य मेला व्यवस्थाओं को संचालित किया जा रहा है।मेला संचालन हेतु निश्चित सरकारी मद ना होने की वजह से हर वर्ष मेला संचालन हेतु फंड की व्यवस्था मेला संचालन समिति मेला क्षेत्र में वाहन पार्किंग व मुंडन ठेका आदि से जुटाती है।तत्पश्चात ही तीन माह की अवधि तक मेले का सफल संचालन सुनिश्चित हो पाता है।

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इसलिए उत्तर भारत के इतने विशाल माता पूर्णागिरि मेले के प्रबंधन को पारदर्शी एवं उत्तरदाई बनाने हेतु टनकपुर उपजिलाधिकारी/मेला मजिस्ट्रेट
हिमांशु कफल्टिया लंबे समय से जुटे हुए है।ताकि आने वाले समय में चम्पावत जिले का माता पूर्णागिरी मेला एक आदर्श मेले के रूप में पूरे प्रदेश में अपनी पहचान सुनिश्चित कर पाए।देवभूमि के अन्य धार्मिक मेले भी पूर्णागिरी मेले के इस बेहतरीन मॉडल को अपना सके।

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वही हम आपको यह भी बता दे की माता पूर्णागिरि मेला वर्ष 2012 से माता पूर्णागिरि मेला संचालन समिति द्वारा आयोजित किया जा रहा है।उपजिलाधिकारी टनकपुर का पदभार ग्रहण करने के साथ ही हिमांशु कफल्टिया ने
मेला प्रबंधन में प्रभावी पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। नवंबर 2020 में मेला संचालन समिति को एओपी के माध्यम से रजिस्टर कराया गया है। तत्पश्चात समिति का रजिस्ट्रेशन आयकर विभाग एवं जीएसटी विभाग में कराया जा चुका है । समिति द्वारा स्वतंत्र चार्टर्ड अकाउंटेंट फर्म के माध्यम से पिछले 5 वर्षों की बैलेंस शीट बनाई गई है।ताकि मेला संचालन व्यय में पारदर्शिता बनी रहे।इसके साथ ही आयकर रिटर्न, टीडीएस रिटर्न एवं जीएसटी रिटर्न तथा अन्य कंप्लायंस भी पूरे करे जा रहे हैं ।

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इस वर्ष समिति द्वारा एक स्वतंत्र चार्टर्ड अकाउंटेंट फर्म के माध्यम से एक्सटर्नल ऑडिट भी कराया गया है, एक्सटर्नल ऑडिट में कुछ कमियां नजर आई हैं जिन्हें दूर करने के लिए संबंधित कार्मिक एवं विभाग विभाग को निर्देशित किया गया है।

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माता पूर्णागिरी मेला मजिस्ट्रेट के रूप में हिमांशु कफल्टिया मेला संचालन समिति के माध्यम से मेला क्षेत्र में जहां बेहतर से बेहतर मेला व्यवस्थाओं को धरातल पर उतारने की कवायद में जुटे है।वही प्रदेश के सबसे बड़े धार्मिक मेले में शुमार माता पूर्णागिरी मेला व्यवस्थाएं बेहतर पारदर्शी व उत्तरदाई हो इसके प्रयास अनवरत उपजिलाधिकारी/मेला मजिस्ट्रेट हिमांशु कफल्टिया द्वारा जारी है।उनके अनुसार उनका प्रथम उद्देश्य माता श्री पूर्णागिरी मेले में पारदर्शी व उत्तरदाई मेला प्रबंधन एवं संचालन व श्रद्धालुओं को दी जाने वाली मेला व्यवस्थाओं को बेहतर से बेहतर करना है।ताकि उत्तर भारत के विभिन्न स्थानों से लाखों की संख्या में हर वर्ष माँ पूर्णागिरि धाम पहुँचने वाले श्रद्धालु बेहतर मेला व्यवस्थाओं को प्राप्त कर माँ पूर्णागिरि के दर्शन का धार्मिक लाभ उठा सके।

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