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चंपावत(उत्तराखंड)- महिला समूह द्वारा हस्तनिर्मित भाई बहनों के बीच प्रेम के बंधन की डोर को घर-घर, गांव-गांव तक पहुंचा कर प्रधानमंत्री मोदी की लोकल फॉर वोकल की अवधारणा को पंख लगाए जाएंगे। ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना (रीप) एवं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) सामूहिक रूप से इस कार्य को जमीनी रूप देगा, जिससे न केवल महिला समूहों को आर्थिक रूप से सशक्त करने के साथ ही कुटीर उद्योगों को बढ़ावा मिलने के अलावा अन्य महिलाओं को ऐसे कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी।
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बनबसा की उन्नति महिला संकुल संघ एवं टनकपुर की ओम महिला संकुल संघ द्वारा गठित 4 महिला समूूहों की डेढ़ दर्जन महिलाओं ने हाथ से प्रेम की डोर- राखी बनाने का बीड़ा उठाया है। इनकी बिक्री व घर घर पहुंचाने की जिम्मेवारी ग्राम संगठन व क्लस्टर संकुल के माध्यम से की जाएगी।
उन्नति संकुल संघ की अध्यक्ष राधा चंद के अनुसार राखियों को बनाने में महिलाएं खासी दिलचस्पी ले रही हैं, क्योंकि यह महिला समूह का पहला प्रयास है। लेकिन रीप एवं एनआरएलएम का मजबूत सहारा मिलने से महिलाएं काफी उत्साहित हैं। रीप के जिला परियोजना प्रबंधक शुभंकर झा के अनुसार परमाणु युग में पाषाण युद्ध के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध देवीधुरा के बग्वाल मेले में स्वनिर्मित राखियों के स्टाल लगाकर उन्हें घर-घर पहुंचाने की पहल की जाएगी। साथ ही सेना, अर्द्धसैनिक बलों, पुलिस मुख्यालयों, आवासीय विद्यालयों एवं अन्य संस्थानों में भी राखियों की बिक्री करने का प्रयास किया जाएगा, जिससे आने वाले समय में इस प्रकार के कार्यक्रमों को और गति मिल सके।
15 अगस्त को होगा राखी महोत्सव
चंपावत: महिला समूहों द्वारा हाथ से बनाई गई राखियों की बिक्री बढ़ाने एवं समूहों को प्रोत्साहित करने के लिए 15 अगस्त को विकास भवन में राखी महोत्सव आयोजित किया जाएगा। यह निर्णय रीप, एनआरएलएम एवं ग्रामीण इनक्यूबेटर की सीडीओ आरएस रावत की अध्यक्षता में हुई संयुक्त बैठक में लिया गया। इस दिन सभी कर्मचारी एवं अधिकारियों के अलावा अन्य लोग हाथ से बनी राखियों की खरीद करेंगे।
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