उत्तराखण्ड में एक हफ्ते ओर बढ़ सकता है कोविड कर्फ्यू,राज्य सरकार किसी तरह के रिस्क लेने के मूड में नही,जारी होगी एसओपी

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देहरादून(उत्तराखण्ड)- पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में भले ही बहुत पहले अनलॉक हो चुका हो।लेकिन उत्तराखण्ड सरकार अभी भी इस मामले में किसी तरह के रिक्स लेने के मूड में नही है।इसलिए उत्तराखण्ड में एक बार ओर राज्य सरकार कोविड कर्फ्यू को एक सप्ताह के लिए बढ़ा सकती है।हालांकि
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के मामलों में पिछले कुछ समय मे बेहद कमी आई है।लेकिन इस सबके बावजूद सरकार अभी कोविड कर्फ्यू में बहुत ज्यादा रियायत देने के मूड में नही है। राज्य सरकार द्वारा कोविड कर्फ्यू को एक सप्ताह और बढ़ाया जाने पर विचार किया जा रहा है। साथ ही सरकार पर्यटकों की बढ़ती आमद को देखते हुए वीकेंड को लेकर निर्णय लेने का अधिकार जिलाधिकारियों को देने जा रही है।

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सोमवार को जारी होने वाली एसओपी में यह अहम बदलाव हो सकता है।सरकार फिलहाल दुकानों को खोलने और बंद करने के समय को बढ़ाने पर विचार नहीं कर रही है।प्रदेश में कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने इसकी रोकथाम के लिए कोविड कर्फ्यू लगाया था। संक्रमण के मामले कम होने के बाद सरकार ने इसमें ढील देनी शुरू की। इस कड़ी में बीते सप्ताह सरकार ने दुकानों को सप्ताह के छह दिन खोलने के साथ ही जिम व खेल गतिविधियों के संचालन को मंजूरी दी थी। इस बार उम्मीद जताई जा रही थी कि सरकार इसमें और राहत दे सकती है।

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इस बीच प्रदेश के विभिन्न पर्यटक स्थलों पर बड़ी संख्या में पर्यटकों की आमद हुई है। इससे कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए बनाए गए नियमों की जम कर धज्जियां उड़ती देखी गई। इसके वीडियो और तस्वीरें इंटरनेट मीडिया में वायरल भी हुई हैं। इस पर सरकार ने गत शुक्रवार से सोमवार तक तीन दिन मसूरी व नैनीताल आने वाले पर्यटकों के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट या इसकी 72 घंटे पहले तक की अवधि की निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य कर दिया था। होटलों में उनकी क्षमता के 50 फीसद व्यक्तियों को ही ठहराने के निर्देश दिए गए हैं।

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प्रवेश केवल उन्हीं को दिया जा रहा है, जो पहले से ही होटल की बुकिंग करा कर आए हैं। इन दोनों स्थानों पर सख्ती के बाद अन्य पर्वतीय जिलों में पर्यटकों की संख्या बढ़ने लगी है। इसे देखते हुए सरकार ने अब जिलाधिकारियों को वीकेंड पर आवश्यक कदम उठाने की जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय लेने की तैयारी में है। सोमवार को जारी होने वाली एसओपी में यह व्यवस्था की जा सकती है।

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Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 18 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

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