मनोज कापड़ी, संवाददाता, लोहाघाट।
देवीधुरा(चंपावत)- दीपोत्सव के कारण बाराही धाम के साथ समूचा कुमाऊं आलोकित हो गया है। कुमाऊ के हृदय में बसे बाराही धाम की दीपोत्सव में ऐसे दीपक जल रहे हैं जो लोगों को असत्य से सत्य,अंधेरे से प्रकाश की ओर ले जा रहे हैं। दीपक धर्म व ज्ञान का प्रतीक है, यह त्याग बलिदान साधना उपासना ज्ञान के प्रकाश का, दुखित चेहरों में एक मुस्कान लाने, साहस एवं शोंर्य का, आशा एवं उत्साह का वह प्रतिबिंब है जो यहां के युवाओं का पथ प्रदर्शन कर रहा है। जहां सद्बुद्धि होती है वहां सद् विचारों का स्वयं उदय होने लगता है। आज जबकि पहाड़ की युवा शक्ति नशे की ओर बढ़ती जा रही है वहीं बाराही धाम के युवकों ने दीपोत्सव के आयोजन के साथ अपना चट्टानी इरादा बनाया है कि जब तक हम अपने अंतर्मन का दिया नहीं जलाएंगे तब तक दूसरों को उजाला नहीं दे सकते। दीपक हमें यह संदेश देता है कि स्वयं जलकर दूसरों को रोशनी दें। बाराही दीपोत्सव समिति के युवा अध्यक्ष प्रवीण जोशी की यह ऐसी पहल है जिससे यहां के युवकों को बाराही माता से अदृश्य शक्ति व सामर्थ मिली हुई है।
बाराही मंदिर कमेटी के संरक्षक एवं इस धाम को ऊंचाइयों की ओर ले जा रहे लक्ष्मण सिंह लमगड़िया का कहना है कि देव दीपावली के अवसर पर दीपोत्सव में ज्ञान, धर्म, कर्म,भावना व आस्था के साथ हर व्यक्ति के अंतःकरण में भक्ति और शक्ति के ऐसे दीप जल रहे हैं जो पूरे उत्तराखंड को आलोकित कर यहां की युवा शक्ति की पूरी ऊर्जा एवं दीपों की तपिश उन्हें देव भूमि को ऊंचे मुकाम तक ले जाने की ओर प्रेरित करती रहेगी। विजय पांडे का कहना है कि कार्तिक माह में प्रतिदिन जहां कमलासना,शीरोदतनया, विष्णुप्रिया एवं धन की देवी लक्ष्मी की स्तुति में दीपक जलते हैं वहां सुख, शांति समृद्धि के आने के द्वार स्वयं खुल जाते हैं।
बाराही धाम के दीपोत्सव में ऐसे ही दीप जल रहे हैं जो हर व्यक्ति के अंतर्मन एवं घर घर को रोशन करते हुए यह संदेश दे रहे हैं कि हे वाराही मां चाहे हम रहे ना रहे आपके आंगन में सदा हमारी भक्ति व शक्ति का दीप जलकर उत्तराखंड ही नहीं देश को आलोकित करता रहे।