टनकपुर(उत्तराखण्ड)- उत्तराखंड रोडवेज मृतक आश्रित संगठन के अध्यक्ष गौरव शर्मा के नेतृत्व में रोडवेज़ म्रतक आश्रितों ने परिवहन मंत्री उत्तराखण्ड यशपाल आर्या को श्री पूर्णागिरी तहसील टनकपुर के माध्यम से ज्ञापन भेज रोडवेज में अनुकंपा के आधार पर नौकरी लगाए जाने की मांग की है।
टनकपुर तहसील के तहसीलदार डॉ ललित मोहन तिवारी के माध्यम से परिवहन मंत्री को ज्ञापन भेज म्रतक आश्रित संगठन ने बताया कि उत्तराखंड रोडवेज में मृतक आश्रितों की भर्ती में वर्ष 2017 से सरकार के द्वारा रोक लगाई हुई है। आज उत्तराखंड में रोडवेज मृतक आश्रितों की पारिवारिक आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय है। कुछ मृतक आश्रित परिवार तो ऐसे हैं। जो अपने परिवार का भरण-पोषण भी सही से नहीं कर पा रहे हैं। मृतक आश्रितो ने कई बार तहसील परिसर में जाकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री,परिवहन मंत्री एवं परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक को ज्ञापन के माध्यम से इस गंभीर समस्या से अवगत करा दिया है। और रोडवेज वर्कशॉप परिसर टनकपुर में धरना प्रदर्शन तक किया। लेकिन इसके बावजूद भी सरकार के कान में जूं नहीं रेंग रही है।
उत्तराखंड सरकार रोडवेज मृतक आश्रितों का हमेशा से ही तिरस्कार करती हुई आई है। लगातार उत्तराखंड सरकार रोडवेज मृतक आश्रितों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। जल निगम और वन निगम में तो मृतक आश्रितों को एक महीने के भीतर निगम में नियुक्ति दे दी जाती है। लेकिन परिवहन निगम उत्तराखंड का मात्र एक ऐसा निगम है, जिस निगम में मृतक आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर होना पड़ता है।
इसलिए ज्ञापन के माध्यम से उत्तराखंड रोडवेज मृतक आश्रित संगठन ने परिवहन मंत्री यशपाल आर्या से गुहार लगाई है। कि हम सभी मृतक आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर एक महीने के भीतर परिवहन निगम में समायोजित करने की कृपा करेंगे। अगर एक महीने के भीतर समस्त रोडवेज मृतक आश्रितों को परिवहन निगम में समायोजित नहीं किया गया तो उत्तराखंड के समस्त रोडवेज मृतक आश्रित आत्मदाह करने पर विवश हो जाएंगे। ज्ञापन देने वालों में संगठन के अध्यक्ष गौरव शर्मा के साथ महामंत्री शशांक त्रिपाठी,उपाध्यक्ष नमांशु, कार्यकारी अध्यक्ष मोहित, प्रचार मंत्री रजत कुमार, संगठन मंत्री कोमल, कोषाध्यक्ष सचिन आर्या,अंकित जोशी, राहुल यादव, शांति देवी,देवकी देवी,पार्वती देवी,अनिता देवी एवं संगठन के संरक्षक गंगागिरी गोस्वामी मौजूद रहे।