मनोज कापड़ी, संवाददाता लोहाघाट।
लोहाघाट(उत्तराखंड)- दूरस्थ क्षेत्रों में पशुपालन के जरिए अपनी आजीविका चला रहे पशुपालकों के सामने अब पशु चिकित्सा की समस्या नहीं रहेगी। इसके लिए सरकार जनता के द्वार की तर्ज पर पशुपालन विभाग पशुपालकों के द्वार कार्यक्रम के तहत लोहाघाट पशु चिकित्सालय को मोबाइल वैन उपलब्ध की गई है।
मालूम हो कि 30 वर्ष पूर्व यूपी में रहते हुए यहां पर चिकित्सा अधिकारी डॉ भरत चंद के कार्यों को देखते हुए शासन द्वारा सचल पशु चिकित्सा वाहन उपलब्ध किया गया था जिससे यहां दुधारू पशुपालन को इतना बढ़ावा मिला कि उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में यहां सर्वाधिक दूध का उत्पादन होने लगा। इस सचल वाहन में पशु चिकित्सा की सभी आपातकालीन सेवाओं के लिए चिकित्सा उपकरण, दवाईयां आदि सभी सुविधाएं उपलब्ध है। यह वाहन ऐसे दूरदराज क्षेत्र में संचालित किया जाएगा जहां पशुपालन विभाग के डॉक्टर दूरी के कारण नहीं पहुंच पाते हैं।
यह वाहन लोहाघाट के पशु चिकित्सा अधिकारी के अधीन कार्य करेगा। वर्तमान में लोहाघाट ब्लॉक के रौसाल, पासम, लेटी, मजपीपल, मटलक, बगौटी, डूंगरा एवं किमतोली से पंचेश्वर तक के समूचे क्षेत्र में पशु चिकित्सा की कोई सुविधा नहीं है। यह वाहन उक्त नेपाल सीमा से जुड़े गांव के लोगों के लिए विशेष फायदेमंद होगा।
सचल पशु चिकित्सा वाहन के लिए शासन द्वारा एक वेटनरी डॉक्टर के अलावा फार्मेसिस्ट व चालक के पद स्वीकृत किए गए हैं। विभाग की ओर से इन पदों में नियुक्ति भी कर दी गई है जो शीघ्र अपने पद का कार्यभार संभालेंगे। सचल चिकित्सा वाहन उपलब्ध कराने का स्वागत करते हुए सीमावर्ती क्षेत्र के पशुपालक प्रेम सिंह बोहरा, मोहन चंद पांडेय आदि तमाम लोगों ने स्वागत करते हुए कहा कि अब वह भी उन्नत नस्ल की गाय भैंस पालकर अपनी आजीविका के साधन बढ़ाएंगे। ग्रामीण क्षेत्रों की आवाज उठाते आ रहे पत्रकार पुष्कर बोहरा का कहना है कि यह सुविधा मिलने से यहां पशुपालन एवं डेयरी व्यवसाय को काफी बढ़ावा मिलेगा।