साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों को देखते हुए मॉडल चंपावत जिले में अब है साइबर थाने की दरकार,साइबर थाना खुलने से साइबर ठगी के पीड़ितों को मिलेगी त्वरित सहायता,

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मनोज कापड़ी, संवाददाता, लोहाघाट।

लोहाघाट(चम्पावत)- सीमांत एवं सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चंपावत एवं पिथौरागढ जिलों में लोग लगातार साइबर ठगी का शिकार होते आ रहे हैं। पहाड़ के लोगों का प्राकृतिक रूप से स्वभाव सरल एवं निश्चल होता है।इसी का लाभ उठाते हुए साइबर ठगी की चपेट में लोग आते जा रहे हैं। हालांकि चम्पावत पुलिस ने सीमित संसाधनों के बावजूद ठगी की काफी धनराशि पीड़ितों को लौटा कर उनके मुर्झाए चेहरो‌ में मुस्कान लाने का प्रयास किया है।लेकिन मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए ठग दोनों सीमांत जिलों में साइबर थाना ना होने का भी लाभ उठाते आ रहे हैं।सैनिक बाहुल्य इन जिलों के तमाम लोग नौकरी करने मैदानी क्षेत्रों में जाते हैं। जबकि अधिकांश लोग कृषि एंव मेहनत मजदूरी, व्यापार कर अपना जीवन यापन करते आ रहे हैं। समय की जरूरत एवं विषम भौगोलिक स्थिति में यहां के लोग भी मोबाइल व्हाट्सएप, फेसबुक ,वीडियो कॉल आदि का भी प्रयोग करते हैं ताकि वह अपने परिजनों के संपर्क में रह सके। शिक्षा के लिए स्कूली बच्चों की मोबाइल अनिवार्य आवश्यकता बन गया है।

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साइबर ठग ऐसे बच्चों को किसी न किसी रूप में अपने जाल में फंसा कर उनको ब्लैकमेल भी करते आ रहे हैं। उनकी बातों को रिकॉर्ड कर लिया जाता है। लोक लज्जा से कई तो उनकी डिमांड भी पूरी कर देते हैं। यही नहीं अन्य लोगों को अपनी बातों से प्रभावित कर देखते-देखते उनके जीवन की गाढ़ी कमाई मिनटों में उड़ा देते हैं। ऐसे मामलों में जब पढ़े-लिखे महिला व पुरुष ठगी का शिकार हो जाते हैं तो वह रिपोर्ट करने से भी शर्माते हैं। जो रिपोर्ट करना भी चाहते हैं उनके लिए कभी भौगोलिक परिस्थितियों व सड़क की दूरी बाधक बन जाती है।

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साइबर अपराध की जकड़ में आते पर्वतीय जनपद

सीएम धामी द्वारा चंपावत को मॉडल जिला बनाने के प्रयासों की कड़ी में यहां साइबर थाने की तात्कालिक आवश्यकता हो गई है। चंपावत जिले में हाल के समय में ऐसे चार दर्जन साइबर अपराध दर्ज किए हैं। हालांकि सीमित संसाधनों में गत वर्ष पुलिस ने तेरह एवं इस वर्ष अभी तक 48 लाख रुपए की ठगों से रिकवरी कर हताश पीड़ितों के चेहरे में मुस्कान ला दी है। बीस लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं। यह मामले तो सामने आ चुके हैं ऐसे तमाम मामले तो लोक लज्जा से दबे हुए हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि साइबर ठगी का जख्म कितना गहराता जा रहा है। यदि चंपावत जिले के टनकपुर में साइबर थाना खुलता है तो इससे न केवल पर्वतीय व मैदानी क्षेत्रों के लोगों को लाभ मिलेगा बल्कि इससे जिले के विभिन्न थानों की मैं की जा रही विवेचनाओं की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा इस संबंध में नागरिकों की ओर से सीएम धामी को ज्ञापन भी भेजा गया है।

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Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 18 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

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