उपलब्धि: चंपावत जनपद निवासी डॉ धीरज गहतोड़ी को मिली डॉक्टरेट की उपाधि,धीरज ने अपने उत्कृष्ट शोध की बदौलत लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, जालंधर से पाई यह उपलब्धि,खटीमा महाविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर है धीरज गहतोड़ी

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चम्पावत(उत्तराखण्ड)- चंपावत जिले के गोरल चौड़ रोड निवासी डॉ धीरज गहतोड़ी ने पीएचडी उपरांत डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है।
डॉ. धीरज गहतोड़ी ने लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, जालंधर से प्रोफेसर आशीष व्यास के निर्देशन में अपनी पीएचडी की उपाधि प्राप्त किया है। उनका शोध कार्य “उत्तराखंड के कुमाऊँ क्षेत्र में मॉस को भारी धातु प्रदूषण की जैव-निगरानी (बायोमॉनिटरिंग) के रूप में उपयोग की संभावनाओं का अध्ययन” पर केंद्रित था।

डॉ. गहतोड़ी को हाल ही में जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय, दिल्ली में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में विशिष्ट शोधकर्ता सम्मान से सम्मानित किया गया है। यह सम्मेलन इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑर्गेनाइज्ड रिसर्च, वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय, और आईआईटी बॉम्बे के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया था।
डॉ. गहतोड़ी को पर्यावरण के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए यह सम्मान मिला है, विशेष रूप से भारी धातुओं के प्रभाव पर उनके शोध कार्य के लिए। उनके 10 से अधिक शोध पत्र विभिन्न अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं।

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डॉ. गहतोड़ी ने अपने शोध कार्य के दौरान बरेली कॉलेज में प्रोफेसर दिनेश कुमार सक्सेना के निर्देशन में मेटल मॉनिटरिंग पर भी कार्य किया, जिसमें मॉस (झूला) के प्रयोग द्वारा वायु में भारी धातुओं की मात्रा का आंकलन किया गया।

डॉ. गहतोड़ी को इससे पहले त्रिभुवन विश्वविद्यालय द्वारा पर्यावरण प्रोटेक्शन अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है, जो उनके पर्यावरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान को दर्शाता है।डॉ गहतोड़ी के अनुसार यह यात्रा सिर्फ एक डिग्री नहीं, एक भावनात्मक सफर रही—जहाँ हर मोड़ पर मुझे अपनों का साथ, मार्गदर्शन और प्रेरणा मिली।
प्रोफेसर आशीष व्यास सर, आपकी प्रेरणा ने मुझे सिखाया कि विज्ञान समाज की सेवा का माध्यम है, सिर्फ प्रयोगशाला का नहीं।
प्रोफेसर जोगिंदर सिंह सर, आपके धैर्य और मार्गदर्शन ने मुझे न केवल शोध में दिशा दी, बल्कि इंसान के रूप में भी आकार दिया।
डॉ. मनीष बेलवाल सर, आपकी तकनीकी सलाह और बारीक दृष्टिकोण ने मेरे शोध को गहराई दी और सोच को विस्तार।
मेरे परिवार, का प्रेम और समर्थन इस यात्रा की सबसे बड़ी ताकत रहा।

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डॉ गहतोड़ी का कहना है कि उपलब्धि मेरी नहीं, हम सबकी है। एक साझा सपना, एक सामूहिक प्रयास, और एक दिल से जुड़ी यात्रा है ।
आप सभी का दिल से आभार।
डॉ गहतोड़ी का कहना है कि उनका लिया गया ज्ञान निरंतर समाज और पर्यावरण की सेवा में समर्पित होगा।

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डॉ गहतोड़ी के पिता डॉक्टर गंगाधर गहतोडी, माता का श्रीमती भगवती गहतोडी, सेवानिवृत प्रधानाध्यापक,धर्मपत्नी श्रीमती प्रियंका गहतोडी बेटी आद्रिका गहतोडी इस उपलब्धि पर बेहद उत्साहित है। डॉ गहतोड़ी
का परिवार गोलचौड मार्ग चंपावत में निवास करता है।वह वर्तमान में हेमवती नंदन बहुगुणा राजकीय स्नाकोत्तर महाविद्यालय खटीमा में असिस्टेंट प्रोफेसर है।

वही डॉ धीरज गहतोड़ी की उपलब्धि पर हेमवती नंदन बहुगुणा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय खटीमा के प्राचार्य, समस्त स्टाफ एवं छात्र-छात्राओं ने डॉ. गहतोड़ी को उनकी इस उपलब्धि के लिए बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित की हैं।

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Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 18 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

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