खटीमा(उधम सिंह नगर)- वन सीमा से सटे गांव बुढ़ाबाग में आबादी क्षेत्र से लगे मार्ग में बाघ के एक बार फिर दिखने से दहशत का माहौल बना हुआ है। ग्रामीणों के शोरगुल व टार्च की लाइट लगाने के बाद बाघ जंगल की ओर चला गया। बाघ दिखने के बाद लोग शाम होते ही घरों से नही निकल रहे है।
बाघ के मार्ग पर दिखने से रात्रि में आवागमन करने वाले लोगों को खतरा बना हुआ है।
खटीमा रेंज की वन सीमा से सटे गांव बुढ़ाबाग में आबादी क्षेत्र से गुजरने वाले चकरपुर-बुढ़ाबाग मार्ग पर शनिवार की देर शाम बाघ मार्ग किनारे आबादी क्षेत्र में आ गया। बाघ दिखने से ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई और लोग घरों में दुबक गए। बाघ काफी देर तक चकरपुर-बुढ़ाबाग मार्ग पर चहल-कदमी करता रहा। ग्रामीणों के शोर मचाने व टार्च की रोशनी लगाने के बाद जंगल की ओर चला गया। पूर्व सैनिक नरेंद्र सिंह रौका ने बताया कि बाघ के आतंक से ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ है। बाघ के आबादी क्षेत्र में आने से मार्ग चलने वाले राहगीरों व आंगन में बैठे लोगों के लिए खतरा बना हुआ है। बाघ इससे पूर्व बुढ़ाबाग निवासी वृद्ध रामरेशी राणा व प्रेम चंद को अपना निवाला बनाकर मौत के घाट उतार चुका है। वन विभाग व वाइल्ड लाइफ की टीम ने दो लोगों को मौत के घाट उतारने के बाद बुढ़ाबाग के जंगल से ट्रेंकुलाइज कर एक बाघिन को पिंजरे में कैद कर लिया था। जिसे बाद में ढेला रेंज रामनगर भेजा गया।
शनिवार की देर शाम आबादी क्षेत्र के नजदीक बाघ के आने से एक बाद फिर ग्रामीणों में दहशत का माहौल हो गया है। वन दरोगा नित्यानंद भट्ट ने कहा कि चकरपुर-बुढ़ाबाग मार्ग पर रात्रि के समय अकेले आवागमन न करने व वन सीमा से सटे गांव में रहने वालों से बाहर न निकलने और सतर्कता बरतने की अपील की है।