अल्मोड़ा: सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के योग विज्ञान विभाग द्वारा कैरियर परामर्श एवं योग विषय पर कार्यशाला का किया गया आयोजन,राष्ट्रीय,अंतर राष्ट्रीय, औद्योगिक, शिक्षा, चिकित्सा, स्वास्थ्य,पर्यटन, व्यक्तिगत एवं सैन्य क्षेत्र में योग की अपार संभावनाएं: डॉ भट्ट

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अल्मोड़ा(उत्तराखण्ड)- योग विज्ञान विभाग,सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा द्वारा ‘कैरियर परामर्श एवं योग” विषय पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि चंपावत परिसर के नोडल अधिकारी एवं योग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ नवीन चन्द्र भट्ट, मुख्य वक्ता डॉ दीपक कुमार, सहायक प्राध्यापक, उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय, हल्द्वानी एवं योग विभाग के शिक्षक लल्लन सिंह, गिरीश अधिकारी,रजनीश जोशी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ किया।

इसके पश्चात योग विज्ञान विभाग की छात्राओं द्वारा वंदना एवं स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया।
इसके पश्चात योग के क्षेत्र में कॅरियर परामर्शन के सम्बंध में सर्वप्रथम योग विभाग के प्रशिक्षक गिरीश अधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि योग, प्राकृतिक चिकित्सा, मर्म, एक्यूप्रेशर एवं प्राणिक चिकित्सा द्वारा विभिन्न रोगों का उपचार संभव है क्योंकि यह कम खर्चीली एवं बहुउपयोगी चिकित्सा पद्धति है। योग एवं वैकल्पिक चिकित्सा केंद्र के द्वारा रोजगार सृजन किया जा सकता है। साथ ही केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी योग प्रशिक्षक की नियुक्ति की जा रही है। योग विभाग के शिक्षक लल्लन सिंह ने शिक्षा के क्षेत्र में कॅरियर के विषय में बताते हुए कहा कि केंद्रीय विद्यालय एवं बहुत से निजी विद्यालयों में योग प्रशिक्षक की बहुत मांग है। साथ ही सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति के तहत प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा में भी योग को जोड़ा गया है। रजनीश जोशी ने कहा कि योग के क्षेत्र में उच्च शिक्षा एवं शोध के क्षेत्र में भी अपार संभावनाएँ हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा नेट/जेआरएफ परीक्षा के द्वारा सहायक प्राध्यापक एवं जूनियर रिसर्च फेलो के रूप में शोधार्थी के साथ ही आयुष विभाग के अंतर्गत योग, आयुर्वेद,प्राकृतिक चिकित्सा , यूनानी, सिद्ध आदि में शोध सहायक एवं शोध निर्देशन की भी अपार संभावनाएं हैं। साथ ही व्यक्तिगत एवं सामाजिक जीवन से सम्बंधित वैयक्तिक परामर्शन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। कार्यशाला के मुख्य वक्ता डॉ दीपक ने कहा कि योग में करियर की बात करने से पूर्व कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है जैसे सम्बंधित विषय का व्यवस्थित ज्ञान एवं संप्रेषण कौशल। आज योग के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं निजी एवं औद्योगिक क्षेत्र में इसकी डिमांड बढ़ रही है साथ ही आज सिनेमा एवं खेल तथा उद्योग जगत ही हस्तियाँ योग के प्रशिक्षकों को अपने शारीरक एवं मानसिक स्वास्थ्य को पर्सनल ट्रेनर के रूप में रख रहे हैं।

अंत में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, चम्पावत परिसर के नोडल अधिकारी डॉ नवीन भट्ट ने अपने सम्बोधन में कहा कि योग का क्षेत्र जितना व्यपाक है उतनी ही रोजगार की संभावनाएं भी व्यापक है। इस हेतु केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा योग में रोजगार हेतु अनेक अवसर प्रदान किये जा रहे हैं। जिसमें विदेशों में भारतीय दूतावासों में भारतीय संस्कृति के शिक्षक के रूप में योग शिक्षक, सैन्य क्षेत्रों में योग प्रशिक्षक की नियुक्ति की जा रही हैं साथ ही योग को खेलो इंडिया में शामिल कर खेल के रूप में योग में भविष्य की अपार संभावनाएं हैं। इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा विदेशों में योग शिक्षकों की नियुक्ति हेतु भी प्रयास किया जा रहा है। कार्यक्रम का संचालन रजनीश जोशी ने किया।

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इस अवसर पर योग विभाग के हेमलता अवस्थी सहित अदिति जोशी, हर्षिता नेगी, करन बिष्ट, खष्टी डालाकोटी, कोमल कांडपाल, नेहा आर्या, प्रकाश सिंह मेहता, रेनु बिष्ट, रोहित कुमार, सौरभ खम्पा, योगेश बिष्ट, अनन्त बिष्ट, बेबी शुक्ला, गणेश नेगी, जय सिंह सिराड़ी, काजल गोस्वामी, महक वर्मा, नेहा, पवन सिंह सिराड़ी, पूजा बिष्ट, याशिका जोशी, तुषार बिष्ट, अमिश आर्या, साक्षी भारद्वाज, अजय सिराड़ी, पायल, भावना उपाध्याय, लोकेश,गंगा, गंगोत्री, गीतांशी तिवारी, आदित्य गुरुरानी, अजय बाफिला, बेबी कौर, साक्षी, यामिनी राजपूत, सहित 100 से अधिक प्रतिभागी उपस्थित रहे।

Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 15 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

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