रुद्रपुर(उधम सिंह नगर)- तराई केंद्रीय वन प्रभाग रुद्रपुर की पीपल पड़ाव वन रेंज मे वन तस्करो के बेखौफ होने का मामला सामने आया है।जंगल में वन तस्करो द्वारा अवैध कटान की सूचना पर रेंजर के नेतृत्व में पहुंचीं वन कर्मियों की टीम पर वन तस्करो ने फायरिंग शुरू कर दी।जिसमे रेंजर पीपल पड़ाव वन रेंजर रूप नारायण गौतम सहित कुल तीन वन कर्मी घायल हो गए है।जिन्हे इलाज हेतु रुद्रपुर अस्पताल भेजा गया है।जबकि उक्त घटना के बाद वन महकमे में जहां हड़कंप मचा हुआ है।वही तराई केंद्रीय वन प्रभाग के डीएफओ,एसडीओ सहित वन विभाग की एसओजी ने घटना स्थल में आनन फानन में पहुंच वन अपराधियों की धर पकड़ हेतु सर्च अभियान शुरू कर दिया है।
हम आपको बता दे की तराई केंद्रीय वन प्रभाग रुद्रपुर की पीपल पड़ाव रेंज मे वन तस्करो द्वारा अवैध कटान की सूचना वन विभाग को मिली थी। वहीं सूचना पर अवैध लकड़ी पातन को रोकने के लिए पहुंची वन विभाग की टीम पर वन तस्करों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी।फायरिंग उपरांत वन कर्मियों व वन तस्करो के मध्य मुठभेड़ शुरू हो गई।जिसमे कई राउंड फायरिंग हुई।इस मुठभेड़ में वन रेंजर पीपल पडाव रूप नारायण गौतम व दो अन्य वन कर्मियों को वन तस्करो की फायरिंग उपरांत छरर्रे लग गए जिससे वह घायल हो गए।सूत्रों के अनुसार
पीपल पड़ाव के रेंजर रूप नारायण गौतम के पेट मे
छरर्रे लगने से वह घायल हुए है।वही दो अन्य कर्मी भी छरर्रे लगने से घायल हुए है।पीपल पड़ाव वन रेंज अफसर रूप नारायण गौतम व दो वन रक्षकों को वन कर्मी इलाज हेतु रुद्रपुर सरकारी अस्पताल ले गए है।
जबकि उक्त घटना की सूचना मिलने पर वन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है,वन अपराधियों के दुस्साहस की सूचना पर उमेश तिवारी प्रभागीय वनाधिकारी तराई केंद्रीय वन प्रभाग रुद्रपुर, एसडीओ शशिदेव, एसओजी प्रभारी कैलाश तिवारी, समस्त वन रेंजर अफसर ने घटना स्थल पर पहुंच वन अपराधियों की धर पकड़ हेतु सर्च अभियान चलाया हुआ है।
सूत्रों के अनुसार पिछले दो माह में तीन से चार बार हो चुकी वन तस्करों द्वारा वन कर्मियों पर हमले की वारदात,एक वन दरोगा भी पूर्व में हुआ था घायल
पीपल पड़ाव वन रेंज की जहां कुख्यात वन तस्करों के लिए जाना जाता है , वहीं बीते दो माह में सूत्रों के अनुसार तीन से चार बार वन विभाग की टीम पर बेखौफ वन तस्कर हमला कर चुके हैं। पीपल पड़ाव वन रेंज में वन तस्कर द्वारा एक वन दरोगा को पीट कर वन तस्करों द्वारा घायल किया गया था।इसके अलावा समय समय पर फायरिंग की घटनाओं को भी वन तस्कर अंजाम देने से नही चूकते है।सूत्रों के अनुसार कई कुख्यात वन तस्करों के खिलाफ नामजद मुकदमें दर्ज हो चुके है।साथ ही माननीय न्यायालय द्वारा उनके खिलाफ कुर्की के भी आदेश हुए हैं लेकिन पुलिस विभाग अभी तक उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर पाया है।जिससे वन तस्करों के हौसले सातवें आसमान पर है।कार्यवाही ना होने की हीलाहवाली वन विभाग की टीमों पर लगातार हमलों के रूप में सामने आ रही है।जो वन महकमे के लिए एक बड़ा चिंता का सबब भी है।