टनकपुर (चम्पावत)- उत्तराखण्ड मेंं विधुत नियामक आयोग द्वारा सूबे में वर्ष 2021,22 के लिए नई बिजली की दरें घोषित करते ही अब विरोध के सुर शुरू हो गए हैं ।बिजली के इस बढ़े दर से आम उपभोक्ताओं पर एक बार फिर आर्थिक बोझ की मार पड़ी है । सरकार द्वारा कोरोना काल में जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ाकर संवेदनहीन हो चुकी सरकार ने एक और मार की है जो सीधे तौर पर सरकार की जनता के प्रति नजरिया को बताती है। आप प्रवक्ता संगीता शर्मा ने एक बयान जारी कर सरकार के इस फैसले पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा,एक तरफ लोग कोरोना से मर रहे,सरकारी अस्पतालों में समुचित इलाज की व्यवस्था नहीं ,पूरे राज्य में त्रहिमाम मचा है और दूसरी तरफ संवेदनहीन हो चुकी सरकार ने आम जनता पर बिजली के दाम बढ़ाकर आर्थिक मार की है ।
आप प्रवक्ता ने कहा किसी भी,सरकार की नियत होनी चाहिए जनता के प्रति लेकिन सूबे की बीजेपी सरकार पूरी तरह जनता को लेकर संवेदनहीन हो चुकी है । एक तरफ लोग पल पल लचर स्वास्थ्य सेवाओं की वजह से मर रहे , लॉक डाउन लगा है रोजगार नहीं ,ऐसे में इस समय बिजली की दरें बढ़ाना इस सरकार की जनता की जवाबदेही पर सवालिया निशान खड़ा करती है ।
संगीता शर्मा ने कहा, राज्य की सरकार पूरी तरह विवेकहीन बन चुकी है। राज्य में कोरोना के चलते ,बीते साल से हजारों लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट खडा है लोग बीते साल के नुकसान से अभी तक नहीं उबर पाए हैं। ऐसे में बिजली की दरें बढ़ाकर जनता के कमर तोड़ने का काम इस सरकार ने किया है । उत्तराखंड में बिजली बनने के बाद भी यहां लोगों को बिजली के दामों की भारी कीमत चुकानी पड़ती लेकिन दिल्ली में सरकार बिजली खरीद कर जनता को फ्री बांट कर उनको आर्थिक सहयोग कर रही जो जनता के प्रति दिल्ली के मुख्यमंत्री का नजरिया बताती है जिससे यहां के मुख्यमंत्री को भी सीख लेनी चाहिए।