चंपावत: महिलाओं द्वारा तैयार की गई राखियों की बाहरी जिलो में बढ़ी मांग,अब पिरूल से भी बनाई जाने लगी है आकर्षक राखियां

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चंपावत(उत्तराखंड)- ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना की पहल व सहयोग से महिलाओं द्वारा हस्त निर्मित राखियो की मांग दिन प्रतिदिन बढ रही है, अब बाराकोट ब्लाक में लडीधुरा स्वायत्त सहकारिता द्वारा तैयार पिरुल से निर्मित राखियो की मांग एकाएक बढ गयी है
लडीधुरा सहकारिता की अध्यक्ष सुमन जोशी ने बताया कि स्वयं उनके द्वारा अन्य समूह सदस्यों के सहयोग पिरुल की राखियाँ बनायी जा रही है, किन्तु बाजार न मिलने के कारण सदस्यों में निराशा थी, रीप के सहयोग से जब हमने 50 राखियो के सैंपल भेजे तो हमे 2000 राखियाँ तैयार करने का आर्डर मिला है इससे महिलाओं में खासा उत्साह है।

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रीप के सहायक प्रबंधक संस्थाएं प्रकाश पाठक द्वारा बताया गया कि चंपावत में समूह द्वारा हस्त निर्मित राखियो की मांग देहरादून व अन्य जनपदो से क्षा रही जिसके तहत प्रथम चरण में 5000 राखियाँ देहरादून व अन्य जनपदो को भेजी जा रही है
इधर जिलाधिकारी चंपावत द्वारा भी रीप व एन आर एल एम की इस पहल की सराहना करते हूए 21 अगस्त से आगामी रक्षाबंधन तक कलेक्ट्रेट में प्रतिदिन राखी स्टाल लगाने के निर्देश जारी किये है,साथ ही संडे मार्केट में भी वही CDO चम्पावत के निर्देशन में राखी स्टाल लगाया गया जिसका संचालन रीप समन्वयक आकांक्षा सिंह ने किया , जिसका काफी सकारात्मक प्रभाव पडा और स्थानीय व जनपद से बाहर राखियो की मांग बढती जा रही है।

जिले से बाहर राखियो के विपणन व्यवस्था हेतु रीप के सेल्स मैनेजर अतुल सिरस्वाल व सह प्रबंधक आजीविका सुमित कुमार द्वारा सहयोग किया जा रहा है।

Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 15 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

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