
चंपावत(उत्तराखंड)- रविवार रात लगभग 10 बजे हुई बस दुर्घटना में सिख श्रद्धालुओं की बस लगभग 400 मीटर गहरी खाई में जाने से बाल-बाल बच गई। सिख श्रद्धालुओं की बस 400 मीटर गहरी खाई के मुहाने पर जाकर रुक गई। अगर बस खाई में गिरती तो बड़ी जनहानि हो सकती थी। लेकिन इसे ईश्वर का चमत्कार कहें या वाहे गुरु की कृपा कि बस दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद भी पलटने के बाद खाई के मुहाने पर अटक गई।

स्थानीय लोगों के अनुसार भगवान का चमत्कार ही है की बस खाई में जाने से बाल-बाल बच गई। लोगों ने कहा अगर बस थोड़ा और आगे की और सरकती तो 400 मीटर गहरी खाई में जा गिरती जिसमें एक बड़ी जनहानि देखने को मिल सकती थी। चंपावत के लोहाघाट रीठा साहिब से पंजाब के साधनों की बस बीती रात 10:00 बजे के लगभग धान के पास अचानक सड़क पर पलट गई थी। बस के अचानक दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद बस में सवार तीर्थ यात्रियों में चीख-पुकार मच गई।

वहीं इस दुर्घटना के बाद धोन क्षेत्र के ग्रामीणों भगवान के रूप में दुर्घटना ग्रस्त बस यात्रियों के लिए सामने आए। रेस्क्यू अभियान में स्थानीय ग्रामीणों का बेहद महत्वपूर्ण योगदान रहा।
जिला प्रशासन के अनुसार बस में 50 से 60 श्रद्धालु सवार थे, जो रीठा साहिब गुरुद्वारा के दर्शन कर वापस पंजाब को लौट रहे थे।
रविवार रात 10 बजे हुई बस दुर्घटना में सिख श्रद्धालुओं की बस लगभग 400 मीटर गहरी खाई में जाने से बाल-बाल बच गई। बस खाई में जाने से बाल-बाल बची गई। सोमवार सुबह को जिसने भी बस को खाई के मुहाने पर अटका देखा उन्होंने इसे भगवान का चमत्कार ही माना।वहीं धोन क्षेत्र के ग्रामीणों का रेस्क्यू अभियान में बहुत महत्वपूर्ण योगदान की वजह से कई तीर्थ यात्रियों को समय पर इलाज मिल पाया।
जिला प्रशासन से प्राप्त सूचना के अनुसार दुर्घटना में 25 सिख श्रद्धालु घायल हो गए, जिनमें से सात गंभीर घायलों को सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी रेफर कर दिया गया है।बाकी का इलाज जिला चिकित्सालय चंपावत में चल रहा है।जो तीर्थ यात्री सही है उन्हे रेन बसेरे में रखा गया है।
कुल मिलाकर ईश्वर की कृपा से एक भीषण सड़क हादसा होने से बच गया। फिलहाल सभी घायल सिख श्रद्धालुओं का जिला अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।
वही इस दुर्घटना में बीती रात, स्थानीय ग्रामीणों,पुलिस प्रशासन,आपदा प्रबंधन,अपर जिलाधिकारी हेमंत वर्मा,पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पींचा, सीओ वी सी पंत,सहित अन्य स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक व कर्मचारियों की सक्रियता के चलते घायलों को जल्द इलाज मिल पाया।






