महाविद्यालय की प्राचार्य व प्रोफेसर डॉ0 अजिता दीक्षित ने सभी प्रशिक्षुओं के 12 दिवस में ऊर्जापूर्वक अनुशासित होकर प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु की प्रंशसा
अमोड़ी(चंपावत)- शनिवार को राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना देवभूमि उद्यमिता विकास योजना के तहत 12 दिवसीय ई0डी0पी0 प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतम समापन हुआ।
प्रशिक्षण के बारहवें दिवस में प्राचार्य व प्रोफेसर डॉ0 अजिता दीक्षित की अध्यक्षता में प्रशिक्षण प्रारम्भ हुआ। कार्यक्रम के प्रारम्भ में प्रथम प्रशिक्षण के दौरान डॉ0 दिनेश कुमार गुप्ता के द्वारा सफल उद्यमी व व्यवसायी के व्यक्तित्व विकास के विविध तरीके एव व्यक्तित्व को आगे बढानें की कार्य संस्कृति पर अपना प्रशिक्षण दिया जिसमें लोगों के सामाजिक गुणों, चारित्रिक गुणों, आत्मचेतना, सामाजिक होना, लक्ष्य की प्राप्ति, दृढ़ इच्छाशक्ति, अपने लक्ष्य पर टिके रहने के बारे में जागरूक किया साथ ही उद्यम/व्यवसाय में व्यक्तित्व के माध्यम से सफल उद्यमी बनने के बारें में सभी प्रशिक्षुओं को जानकारी दी।
अपने लैक्चर में उन्होने बताया कि कार्य व उद्यम के दौरान सौहार्दपूर्ण व्यवहार, शालीन वेशभूषा, सहयोगी होना, किताबों के पढनें का शौक रखना, लोगों को प्रेरित करना व स्वयं भी लोगों से प्रेरित होना, अपने उपर भरोसा व विश्वास रखना, अपने लिए समय देना, स्वस्थ वातावरण बनाने में सहयोग करना इत्यादि जैसे अनेक विन्दुओं पर प्रशिक्षुओं को प्रेरित किया।
अपने द्वितीय व्याख्यान के दौरान डॉ0 दिनेश कुमार गुप्ता के द्वारा राष्ट्रीय पटल पर सफल उद्यमियों के बारे में तथा उनके व्यवसाय के बारे में बताया। देश की प्रसिद्ध महिला उद्यमियों में फाल्गुनी नायर के उद्यम ब्यूटी और फैशन रिटेलर ’नायका’, वंदना लुथरा के बिजनेश ब्यूटी व स्वास्थय से सम्बद्ध वीएलसीसी, सूची मुखर्जी के महिलाओ से सम्बद्ध सोशल शापिंग बेबसाइट लाइमरोड, ऋचाकर के ऑनलाइन वीमेन क्लोथिंग स्टोर जिवामें, वाणी कोला के कलारी कैपिटल जो आईटी, मोबाइल, हेल्थकेयर, सॉफटवेयर प्रोडक्टस और सेवाएं तथा ईकामर्स, मीडिया और क्लीन टेक्नोलॉजी सेक्टर्स में निवेश पर केन्द्रित है, प्रांशु पाटनी के हेलो इंग्लिश जो अंग्रेजी सीखने का अप्लीकेशन है, उपासना टाकू के मोबिक्विक, शायरी चहल के शेरोज जो महिलाओं के लिए दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन इकोसिस्टम है, व अन्य कई युवा उद्यम के बारे में समझाते हुए प्रशिक्षण दिया। साथ ही कम आयु वाले उद्यमियों जिसमें तिलक मेहता जो मात्र 13 वर्ष की आयु से पेपर एन पार्सल नामक स्टार्टअप प्रारम्भ करने, 15 वर्ष के अद्वैत ठाकुर के भारतीय कम्प्यूटर प्रोग्रामर और टीनेज इंटरनेट उद्यमी बनने, 17 वर्ष के प्रियांशु रत्नाकर के अपने स्टार्टअप ’’प्रोटोकॉल एक्स’’ जो ऐप डेबलपमेन्ट सर्विसेज प्रदान करने से सम्बन्धित है, का प्रारम्भ करने, 17 वर्ष की आयु में अखिलेश साहू के एसटीएमटी टेक्रोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड और टेक्निकल नेक्सट के संस्थापक और सीईओं के बारे में, रोहित कश्यप जो मायतरी स्कूल ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप के संस्थापक और सीईओ हैं, की यात्रा वृतान्त के साथ रोहित के क्यौरा पर इन्फलुएंसर के बारे में बताया।
इसके साथ ही टाटा, अम्बानी ग्रुप, अडानी ग्रुप, अजीम प्रेम जी, किरण मजूमदार शॉ के बॉयोकॉन लिमिटेड, नंदन नीलेकणि के इंफोसिस, भाविश अग्रवाल के ओला कैब, राधा किशन दमानी के डीमार्ट, विजय शेखर शर्मा के पेटीएम, रविन्द्रन के बायजू के बारे में सभी प्रशिक्षुओं को समझाया। डॉ गुप्ता ने बताया कि सभी प्रतिभागियों का उद्यम कार्ड वा प्रमाण पत्र बनने को प्रक्रिया गतिमान है। जल्द ही प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वा उद्यम कार्ड वितरित किए जायेंगे।
इस अवसर पर प्रशिक्षु नीमा गोस्वामी, नीमा भट्ट, रश्मि भट्ट, बबिता चौहान, देवेन्द्र सिंह नेगी, भागीरथी भट्ट, गीता भट्ट, आशा नेगी, बिमला भट्ट, दीक्षा, भावना, ओमप्रकाश नेगी के द्वारा 12 दिवसीय उपलब्धियों के बारे में बताया। और कहा कि इस प्रकार का 12 दिवसीय प्रशिक्षण हमारें जीवन में एक नया अध्याय लिख रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इस 12 दिवसीय प्रशिक्षण में हमने आत्मविश्वास को पाया है कि हम भी अपने जीवन में कुछ कर सकते है, साथ ही हमें मंच व डायस पर बोलने का जो अवसर मिला उससे हमने धारा प्रवाह अपने उत्तर को स्पष्ट करने के बारे में सीखा। प्रशिक्षु रश्मि भट्ट ने अपने फीडबैक के दौरान कहा कि 12 दिवस हमें पता ही नही चला कि कैसे बीत गया।
द्वितीय सत्र में प्रशिक्षक रमेश चन्द्र पन्त के द्वारा मोमबत्ती निर्माण के बारे में विभिन्न प्रकार व उसके विवरण के बारे में जानकारी दी। मोमबत्ती के निमार्ण में आवश्यक विभिन्न सामग्री के बारे में प्रशिक्षुओं को जानकारी दी। देवभूमि उद्यमिता योजना के तहत प्रोजेक्ट प्रारूप को भरने के सम्बन्ध में आवश्यक जानकारी दिया। महाविद्यालय के संस्कृत विषय के विद्वान प्राध्यापक अतुल कुमार मिश्र के द्वारा सभी प्रशिक्षुओं को जीवन में अनुशासन पूर्ण व्यवहार हेतु समझाया। इस दौरान प्रशिक्षु नीमा गोस्वामी, पूजा देवी, मंजू के द्वारा अपने अपने नवाचार का प्रदर्शन भी किया।
प्रशिक्षण समापन पर महाविद्यालय की प्राचार्य व प्रोफेसर डॉ0 अजिता दीक्षित ने सभी प्रशिक्षुओं के 12 दिवस में ऊर्जापूर्वक अनुशासित होकर प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु प्रंशसा की। और कहा कि देवभूमि उद्यमिता रा0महा0अमोड़ी के नोडल अधिकारी डॉ0 दिनेश कुमार गुप्ता के द्वारा 12 दिवस का यह कठिन प्रशिक्षण सभी प्रशिक्षुओं व सहयोगी टीम के साथ इस प्रकार सम्पन्न कराया गया, जो अद्वितीय है। जिसके लिए प्राचार्य ने नोडल को साधुवाद दिया। उन्होंने कहा ई0डी0पी0 के 12 दिवसों में विविध प्रकार के उद्यम/कला/शिक्षाविदों् को आमन्त्रित कर एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया गया है। जिनके ज्ञान से सभी प्रशिक्षुओं में उर्जा का संचार होता रहा। उन्होनें कहा कि हमारे लिए गर्व का विषय है कि इस योजना के तहत महाविद्यालय का चयन होने तथा नोडल अधिकारी डॉ0 दिनेश कुमार गुप्ता के द्वारा इतने लगन से सम्पन्न कराने तथा प्रशिक्षुओं के जीवन में कुछ नया प्राप्त करने की कामना की।
सभी आमन्त्रित विद्वानों का प्राचार्य ने आभार प्रकट किया।
प्राचार्य ने प्रशिक्षणार्थियों के अनुशासित होकर प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु भी आभार प्रकट किया साथ कार्यक्रम समन्वयक पंकज तिवारी, रमेश पंत जी व देहरादून की उद्यमिता टीम का आभार व्यक्त किया। समापन संवोधन में डॉ0 दिनेश कुमार गुप्ता के द्वारा महाविद्यालय के 12 दिवस के दौरान के सहयोगी प्राध्यापकों में डॉ0 संजय कुमार, श्रीमती पुष्पा, अतुल कुमार मिश्र, संजय गंगवार, डॉ0 रेखा मेहता व कार्मिकों में हरीश चन्द्र जोशी, दशरथ बोहरा, महेश लाल, विजय कुमार मौर्य का आभार व्यक्त किया। साथ ही भागीरथी भट्ट, देवेन्द्र सिंह, ओमप्रकाश, नीमा भट्ट, बबिता चौहान, नीमा गोस्वामी, चांदनी बोहरा, विमला भट्ट, गीता भट्ट, अंजली, आशा नेगी, अमित आदि के सहयोग की प्रशंसा की।
इसके साथ ही उन्होनें के0आई0टी0एम0 डिग्री कालेज के एम0डी0 कमल विष्ट, प्राचार्य ज्योति विष्ट, फैकल्टी सुश्री किरन शर्मा, डॉ0 विवेक सक्सेना, द क्रियेशन की फाउन्डर श्रीमती सुषमा, विकास राज सक्सेना व ई0डी0पी0 समन्वयक पंकज तिवारी, रमेश चन्द्र पन्त व अन्य समस्त प्रशिक्षुओं का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम के दौरान डॉ0 संजय कुमार के द्वारा प्राचार्य व प्रोफेसर डॉ0 अजिता दीक्षित के कर कमलों से पूर्व में आयोजित संस्कृत ज्ञान परीक्षा व कौशल विकास कार्यक्रम के उपस्थित कुछ विद्यार्थियों को उनके प्रमाण पत्र वितरित किये गये।