रूरल एनवायरमेंटल एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसायटी , रीड्स एवं नेशनल फॉसेज के सहयोग से प्रारंभिक देखभाल एवं विकास विषय पर चौपाल का हुआ आयोजन,

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चंपावत(उत्तराखंड)- चंपावत के त्यारकूड़ा में रूरल एनवायरमेंटल एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसायटी , रीड्स एवं नेशनल फॉसेज के सहयोग से प्रारंभिक देखभाल एवं विकास पर सामाजिक कार्यक्रम सी 20 के तहत् चौपाल का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि जिला कार्यक्रम अधिकारी / जिला प्रोबेशन अधिकारी राजेंद्र बिष्ट, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष सुधीर शाह, एसआई पिंकी धामी, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य मणि प्रभा तिवारी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ज्योति पनेरु ,चाइल्डलाइन समन्वयक संतोषी द्वारा बच्चों के प्रारंभिक देखरेख एवं विकास के बारे में चर्चा की गई।

जिसमें बताया गया कि 0 से 8 वर्ष बच्चे के विकास के सबसे असाधारण वर्ष होते हैं सीखने की क्षमता इन्हीं वर्षों पर निर्भर करती है, जैसे जैसे बच्चे की आयु महीने वर्ष बढ़ते हैं उनका शारीरिक, मानसिक विकास होता है हम बच्चों के पोषण स्वास्थ्य पर जितना ध्यान देंगे उनका उतना ही अच्छी तरह से शारीरिक मानसिक विकास होगा, लेकिन महिलाएं अपने कामों की वजह से बच्चों पर अच्छी तरह से ध्यान नहीं दे पाते हैं, कहीं पर तो माता-पिता मजदूरी के लिए बाहर जाते हैं तो बड़े बच्चों पर छोटे बच्चों की जिम्मेदारी दे देते हैं जिसे बड़े बच्चे भी शिक्षा से वंचित हो जाते हैं, जिससे छोटे और बड़े बच्चों दोनों का विकास अच्छी तरीके से नहीं हो पाता, बच्चों को समय पर खाना नहीं मिलता जिससे बच्चे बीमार भी हो जाते हैं, बच्चों पर हमें विशेष ध्यान रखना चाहिए।

गीता देवी का कहना था कि 8:00 से 12:00 तक तो हमारे बच्चे केंद्र में रहते हैं, उसके बाद तो हमें बच्चों को घर में अकेला छोड़ कर खेतों पर जाना होता है, इसके लिए महिलाओं को बताया कि हम सभी गांव वाले प्रधान से मिलकर इस विषय पर बात कर सकते है जिनके परिवार में बच्चों को देखने के लिए कोई नहीं है, 2:00 से 4:00 तक गांव की विधवा या परित्यक्ता एकल महिला को बच्चों की देखरेख के लिए रख सकते हैं जिससे निश्चिंत होकर हम काम में जा सकते हैं, महिलाओं को बताया कि गांव में जितने भी छोटे बच्चे हैं उन सभी को केंद्रों में भेजें केंद्रीय में बच्चों की अच्छी तरीके से देखरेख और पौष्टिक आहार मिलता है।

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राजेंद्र बिष्ट, जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा आंगनवाड़ी केंद्र में मिलने वाली सुविधाओं के बारे में बताया उनके द्वारा बताया गया कि केंद्र में बच्चों को पौष्टिक आहार खेलने की सामग्री सभी चीजों की व्यवस्था रहती है, हमें बच्चों के पौष्टिक आहार, देखरेख पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, कई गांव में कुछ कुपोषित बच्चे होते हैं उन बच्चों पर ज्यादा देने की आवश्यकता है केंद्रीय में इन बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जाता है, समय-समय पर बच्चों की नाप तोल, पौष्टिक आहार, टीकाकरण सभी चीजों का ध्यान रखा जाता है आप सभी लोग 3 साल से अपने बच्चों को केंद्र में भेजें जिससे बच्चों का सही तरीके से देखरेख और बच्चों को पौष्टिक आहार मिल सके, महिलाओं का कहना था पहले केंद्र में पौष्टिक आहार मिलता था लेकिन अब सिर्फ दाल चावल मिल रहा है बच्चों को पौष्टिक आहार मिलना चाहिए, बच्चों को ऐसी चीजें मिलनी चाहिए जो बच्चे अच्छी तरह से खाएं।

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बाल कल्याण अध्यक्ष सुधीर शाह द्वारा बाल कल्याण समिति के कार्य से अवगत कराया गया, बैठक में रूरल एनवायर्नमेंटल एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसायटी संस्था से पूजा लोहनी, चाइल्डलाइन जिला समन्वयक संतोषी, सीमा टम्टा, हेमा बिष्ट,ललिता बोहरा , रेखा कुंवर,रेखा तिवारी, सुमन तिवारी, पूजा पाटनी, शांति देवी, चंद्रकला आदि चार दर्जन लोग उपस्थित रहे

Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 15 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

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