मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित सुशासन सम्मेलन (मुख्यमंत्री परिषद) में प्रतिभाग किया

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वाराणसी(उत्तर प्रदेश)- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित सुशासन सम्मेलन (मुख्यमंत्री परिषद) में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर राज्य की ओर से बेस्ट प्रैक्टिस के तहत उत्तराखण्ड होम स्टे पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। प्रस्तुतीकरण के दौरान जानकारी दी गई कि राज्य में स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने, नये पर्यटन स्थलों को विकसित करने, पर्यटकों को राज्य की संस्कृति से परिचित कराने एवं पलायन को रोकने के उद्देश्य से राज्य में होम स्टे पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। होम स्टे के तहत राज्य में दीन दयाल उपाध्याय होम स्टे योजना, ट्रेकिंग ट्रेक्सन सेंटर होम स्टे अनुदान योजना चलाई जा रही है। दीन दयाल उपाध्याय होम स्टे योजना के तहत होमस्टे का पंजीकरण कराना अनिवार्य है।

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लाभार्थी को 15 लाख रूपये तक पूंजी सहायता एवं ब्याज सहायता 1.50 लाख तक दी गई है। 5 वर्षों हेतु राज्य जीएसटी की 100 प्रतिशत प्रतिपूर्ति की व्यवस्था की गई है। राज्य में 3700 से अधिक होम स्टे पंजीकृत हैं। 14.53 करोड़ की पूंजी सहायता वितरित की जा चुकी है। इस योजना से 8 हजार से अधिक रोजगार का सृजन हुआ है। राज्य सरकार द्वारा होम स्टे संचालकों को गांवों में पर्यटन के बुनियादी ढ़ाचे के विकास, निजी वेब-साईट पर होम स्टे विज्ञापित करने, सरकारी वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन प्रचार, निःशुल्क प्रशिक्षण, ट्रैवल मार्ट में निःशुल्क भागीदारी एवं गुणवत्ता निर्धारण हेतु सरकार द्वारा ग्रेडिंग की सुविधाएं दी जा रही हैं।

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राज्य में सीमान्त क्षेत्रों से पलायन रोकने एवं एवं पर्वतारोहण की गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चलाई जा रही ट्रेकिंग ट्रेक्सन सेंटर होम स्टे अनुदान योजना हेतु वित्तीय अनुदान की व्यवस्था है। इस योजना के तहत अक्टूबर 2021 तक 120 लाभार्थियों को 3.20 करोड़ का अनुदान स्वीकृत किया जा चुका है।

सुशासन सम्मेलन के दौरान उत्तराखण्ड की ओर से अटल आयुष्मान योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी), पी.एम.स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि योजना एवं स्वामित्व योजना पर भी प्रस्तुतीकरण दिया गया।प्रस्तुतीकरण के दौरान जानकारी दी गई कि अटल आयुष्मान योजना के तहत राज्य में 45.22 लाख आयुष्मान कार्ड निर्गत किये जा चुके हैं। कार्डों का वितरण निःशुल्क किया जा रहा है। चिकित्सालयों को एक सप्ताह के अन्दर भुगतान किया जा रहा है। शिकायतों के निवारण हेतु 155368 टोल फ्री कॉल सेंटर की सुविधा एवं पर्वतीय अंचल के चिकित्सालयों हेतु पैकेज दरों के अतिरिक्त 10 प्रतिशत प्रोत्साहन धनराशि का भुगतान किया जा रहा है।

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प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत भारत सरकार से प्राप्त लक्ष्य के तहत फेज-1 में 12662 लाभार्थियों को चयनित किया गया जिसके सापेक्ष 12427 आवास पूर्ण हो चुके हैं। फेज-2 में भारत सरकार से 16472 आवास बनाने का लक्ष्य मिला है, जिस पर कार्यवाही गतिमान है। इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा लाभार्थियों को बर्तन खरीद हेतु प्रति लाभार्थी 5 हजार रूपये की अतिरिक्त सहायता दी जा रही है। सभी पात्र भूमिहीन परिवारों को राज्य सरकार द्वारा भूमि पट्टा आवंटित किया जा रहा है। आवासीय कालोनियों के विकास के लिए बिजली, पानी, सड़क, नाली की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में बी.एल.सी. के तहत 3802, सी.एल.एस.एस के तहत 13287 एवं ए.एच.पी के तहत 464 आवासों की कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है। डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों को धनराशि का वितरण किया जा रहा है। आवासों की जियो टैगिंग की जा रही है। राज्य सरकार द्वारा बी.एल.सी. के तहत 50 हजार रूपये एवं ए.एच.पी के तहत 01 लाख रूपये का अतिरिक्त अनुदान दिया जा रहा है। निशुल्क भू-उपयोग परिवर्तन की व्यवस्था की गई है। पीएमएवाई के लाभार्थियों हेतु 50 वर्ग मीटर नजूल भूमि के निःशुल्क आवंटन की व्यवस्था की गई है।पी.एम. स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि योजना के तहत 11543 स्वीकृत आवेदनों में से 10101 लाभार्थी लाभान्वित हो चुके हैं। इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा लाभार्थियों को 02 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज अनुदान दिया जा रहा है एवं स्टाम्प ड्यूटी में छूट दी जा रही है।

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स्वामित्व योजना के तहत राज्य में 2409 ग्रामों के 102291 अभिलेख तैयार किये गये हैं। जिसमें से 98236 अभिलेख वितरित किये गये हैं। इस योजना के तहत चार जनपदों पौड़ी गढ़वाल, ऊधमसिंहनगर, हरिद्वार एवं देहरादून में सर्वेक्षण कार्य पूर्ण हो चुका है, शेष जनपदों में सर्वेक्षण कार्य की प्रक्रिया गतिमान है।

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2 Comments

  1. Uttrakhand mahilao ko rasta bijali paani ka jimma do 50 MTR ki road 400000 ki bajay 50000 m hogi

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