चंपावत(उत्तराखंड) – राजकीय महाविद्यालय अमोड़ी (चम्पावत) में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत 03 माह के विशेष कम्प्यूटर प्रशिक्षण कार्यक्रम का शनिवार को विधिवत शुभारंभ किया गया। यह कार्यक्रम महिला एवं बाल विकास विभाग, चम्पावत द्वारा प्रायोजित है, जिसका उद्देश्य छात्राओं को डिजिटल कौशल में निपुण बनाकर उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त करना है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महिला सशक्तिकरण व बाल विकास अधिकारी चम्पावत राजेन्द्र सिंह विष्ट थे, जिन्होंने अपने संबोधन में जिलाधिकारी चम्पावत का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अमोड़ी क्षेत्र की छात्राओं के लिए इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन आवश्यक है, और भविष्य में भी इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने छात्राओं को कम्प्यूटर व डिजिटल शिक्षा में निपुण होने के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए महाविद्यालय को उपलब्ध कराई गई पुस्तकों का भी लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि बाल विकास अधिकारी पुष्पा चौधरी, मन्जू देवी (सुपरवाइजर, बाल विकास विभाग), मीनू पन्त (डी0सी0पी0यू0, चम्पावत), श्री खीमानन्द भट्ट, और के0आई0टी0एम0 के प्रबंध निदेशक कमल सिंह बिष्ट उपस्थित रहे। बाल विकास अधिकारी पुष्पा चौधरी ने छात्राओं को आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. अजिता दीक्षित ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की और छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण उनके लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो न केवल उन्हें कम्प्यूटर की तकनीकी जानकारी प्रदान करेगा, बल्कि उनकी रोजगार की संभावनाओं को भी बढ़ाएगा।
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 30 छात्राओं को इस 03 माह के कम्प्यूटर प्रशिक्षण कार्यक्रम में नामांकित किया गया है। साथ ही, के0आई0टी0एम0 के प्रबंध निदेशक कमल सिंह बिष्ट ने अतिरिक्त 03 छात्राओं को निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान करने की घोषणा की, जिससे कुल 33 छात्राएं इस कार्यक्रम का लाभ उठा सकेंगी। प्रशिक्षण में प्रशिक्षिका किरन शर्मा और राखी ने भी अपनी उपस्थिति दी। छात्राओं ने इस अनूठे अवसर के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग और महाविद्यालय प्रशासन का आभार व्यक्त किया। यह कार्यक्रम छात्राओं को डिजिटल शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा।
कार्यक्रम का संचालन संयोजक डॉ. डी.के. गुप्ता द्वारा किया गया, जबकि सह-संयोजक की भूमिका डॉ. अर्चना वर्मा ने निभाई। इस अवसर पर महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. संजय कुमार, डॉ. रंजना सिंह, अतुल मिश्र, और संजय कुमार गंगवार भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर महेश लाल, दशरथ बोहरा, दिनेश रावत ने कार्यक्रम में सहयोग किया।