वह दिन दूर नहीं जब वाराही धाम देश विदेश के देवी शक्ति के उपासकों का बनेगा प्रमुख आस्था का केन्द्र
देवीधुरा(चंपावत)- वाराही धाम आने वाले समय में उत्तराखंड के छठे धाम के रूप में विकसित होगा। यहां मां वाराही की अलौकिक शक्ति को देखते हुए शक्ति के उपासकों के लिए यह स्थान उनकी आध्यात्मिक यात्रा पूरी करने के साथ यहां के मनोहारी दृश्य एवं यहां से दिखने वाला हिमालय का विहंगम नजारा व्यक्ति को सहसा उसकी ओर आकर्षित कर लेता है। यह बात तीन दशक पूर्व पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी रहे डॉ अनूप पाण्डे ने मंदिर परिसर का भ्रमण करने के दौरान कही। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान यहां किए गए कार्यों को स्मरण करते हुए कहा कि मुझे स्वयं इस स्थान में आने पर तब ईश्वरीय सत्ता से मेरा सीधा साक्षात्कार हुआ था। डॉ पाण्डे के यहां पहुंचने पर श्री बाराही तीर्थ न्यास, श्री बाराही मंदिर कमेटी, चार खाम सात थोकों के प्रतिनिधियों की ओर से मंदिर कमेटी के अध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट, पीठाचार्य कीर्ति शास्त्री,हयात सिंह बिष्ट, बिशन सिंह चम्याल, तारा सिंह चम्याल, देवेंद्र चम्याल, चंदन सिंह बिष्ट, बी डी मुरारी, देवेंद्र गहड़वाल, रमेश राणा,आचार्य नवीन सोराडी ने डॉ पाण्डे के साथ आए राघव शर्मा, पी सी उपाध्याय एवं विजय यादव का भावपूर्ण स्वागत किया।
आचार्य कीर्ती शास्त्री ने वर्ष 1993 में आई भयंकर आपदा का उल्लेख करते हुए कहा जब मानव मानवीय संवेदनाओं के लिए कराह रहा था ऐसे संवेदनशील समय में डॉ पाण्डे ने अपनी प्रशासनिक क्षमता, गहन सूझ-बूझ एवं त्वरित निर्णय लेने के कारण यहां लोगों को ब्लॉक प्रमुख लक्ष्मण सिंह लमगड़िया के नेतृत्व में गांव गांव जाकर जो राहत पहुंचाई थी, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है।
डॉ पाण्डे का कहना था कि भले ही तीन दशक के दौरान मैं केन्द्र व राज्य सरकार के विभिन्न पदों पर रहा हूं लेकिन पिथौरागढ़ एवं चंपावत जनपद के लोगों द्वारा उन्हें दिए गए मान-सम्मान को वे कभी नहीं भुला सकते। डॉ पाण्डे ने मां वाराही के दर्शन कर सबकी भलाई के लिए कामना की। इस अवसर पर श्री बाराही तीर्थ न्यास की ओर से डॉ पाण्डे समेत उनके साथ आए राघव शर्मा, पी सी उपाध्याय व विजय यादव को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनके प्रति कृतज्ञता का भाव व्यक्त किया।