देवीधुरा(चंपावत)- बाराही धाम में चल रही श्री राम ज्ञान यज्ञ कथा में प्रवचन करते हुए मानस मर्मज्ञ पंडित अतुल कृष्ण भारद्वाज ने राम नाम की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि श्रीराम का जन्म ही अत्याचार व दुराचारों का अंत कर समाज को माला की तरह एक सूत्र में बांधने का संदेश दिया था। श्रीराम ने शिव धनुष तोड़कर दुनिया को संदेश दिया कि किसी को अपनी शक्ति पर अहंकार नहीं होना चाहिए। धनुष टूटते ही आक्रोश से भरे परशुराम का जब श्रीराम से संवाद हुआ तो वह इस बात से संतुष्ट हो गए कि श्रीराम का अवतरण ही विश्व कल्याण के लिए हुआ है। 500 साल के लगातार श्रीराम के संघर्ष के बाद उन्हें वह स्थान मिला, जिसके वे हकदार थे श्रीराम ने वन गमन के बाद जो संगठन बनाया, उससे हमें प्रेरणा मिलती है कि संगठन में निहित शक्तियों के बल पर हम असंभव कार्य को भी संभव कर देते हैं।
आचार्य श्री ने श्रीराम के जीवन से प्रेरणा लेने पर जोर देते हुए कहा कि माता केकई ने तो लक्ष्मण व सीता जी को वनवास नहीं दिया था, लेकिन सीता जी ने अपने पतिधर्म और लक्ष्मण ने भाई का धर्म निभाते हुए राजमहल छोड़कर वन गमन किया। उन्होंने कहा दूसरों का भला सोचने वाला व्यक्ति समाज में स्वयं प्रतिष्ठित हो जाता है। ऐसे व्यक्तियों की उपस्थिति से दूसरों को सुकून मिलने लगता है। श्रीराम नाम ज्ञान यज्ञ कथा के आयोजक राज्य सेतु आयोग के उपाध्यक्ष एवं राज्य सरकार से काबीना मंत्री का दर्जा प्राप्त राजशेखर जोशी एवं उनके अनुज मोहित जोशी कितने महान हैं, जो दूसरों की भलाई व समाज में सुख शांति लाने व नर को नारायण मानकर उनकी सेवा के लिए अपने को समर्पित कर ऐसा पुण्य लाभ अर्जित कर महान कार्य कर रहे हैं, जिससे उन्हें मिल रही ढेर मंगल कामनाओं के कारण वे लगातार ऐसे कार्य करने के लिए लगातार प्रेरित होते रहेंगे।
कथा सुनने के लिए यहां भारी भीड़ उमड़ रही है। 15 जून को यहां डोल आश्रम के संस्थापक दिव्यात्मा कल्याण दास जी महाराज व साध्वी मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती भी यहां आ रही हैं। संगीतमय वातावरण में चल रही कथा के कारण यहां का पूरा वातावरण भक्तिभाव में डूबा है।