देवीधुरा(चंपावत)- कुमाऊँ के ह्रदय में बसे वाराही धाम देवीधुरा के राजकीय इंटर कालेज के बाबा आदम के समय मे बने कक्षा कक्षों की स्थिति इतनी खतरनाक बनी हुई है कि कभी भी ये भयंकर जानलेवा दुर्घटना का कारण बन सकती है। कुछ समय पूर्व जूनियर हाईस्कूल सुनडूंगरा में जीर्णो छत गिरने से एक स्कूल के बच्चे को अपनी जान गवानी पड़ी जबकि इस सम्बंध में यहाँ के अभिभावक शिक्षा विभाग को अवगत कराते आ रहे थे बच्चे के बलिदान के बाद ही पूरा तंत्र हरकत में आया ठीक ऐसी ही स्थिति यहाँ के जी0आई0सी0 की है इस विद्यालय में देवीधुरा के समीपवर्ती अल्मोड़ा,नैनीताल जिलों के 350 बच्चे अध्धयन के लिए आते है।
देश के पर्यटन व धर्मिक पर्यटन के मानचित्र में उभर रहे वाराही धाम देवीधुरा के इस विद्यालय के भवनों की स्थिति को देख कर हर किसी को इस बात पर तरस आ रहा है कि जिस सुरम्य व रमणीक स्थान में यहां के लोगो ने जी0आई0सी0 की स्थापना की है यदि यहाँ पर्यटन की दृष्टि से भव्य इमारतों का निर्माण किया जाता है तो इससे न केवल वाराही धाम की शान बढ़ेगी बल्कि मुख्यमंत्री धामी की परिकल्पना के अनुरूप बनाये जा रहे मॉडल जिले को भी भव्यता मिलेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मनसा को पंख लगाने के प्रयास में जुटे यहाँ के युवा ग्राम प्रधान ईश्वर सिंह बिष्ट,चन्दन सिंह बिष्ट, हयाद सिंह बिष्ट, बिशन सिंह चम्याल,तारा सिंह चम्याल,नवीन राणा ,गोपाल पनतोला का कहना है कि वाराही धाम के बदलते स्वरूप को देखते हुए यहाँ की शिक्षण संस्था के जीर्ण भवन हर व्यक्ति की आंखों की किरकिरी बने हुए है वाराही मन्दिर कमेटी के मुख्य संरक्षक लक्ष्मण सिंह लमगड़िया का कहना है कि माँ वाराही द्वारा जिस प्रकार मुख्यमंत्री को यहाँ आने का बुलावा दिया जाता रहा है उसे देखते हुए अब वाराही धाम के विकास एवं इससे नई दिशा व दसा दिए जाने के लिए नए द्वार खुल गए है जिससे अब यहाँ विकास की नई कड़ियाँ जुड़ती रहेंगी। उनका यह भी कहना है कि सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राजशेखर जोशी ने स्वयं यहाँ की स्थिति का नजदीक के अध्ययन किया है वे भी वाराही धाम को और भव्य व दिव्य बनाने के प्रयासों में जुटे हुए है