अनदेखी: लोहाघाट में लाखों रुपए की लागत से बना वन विभाग का वीरान भवन असामाजिक तत्वों व नशेड़ियों के बना अड्डा, विभागीय लापरवाही के कारण राज्य संपत्ति को हो रहा है नुकसान

ख़बर शेयर कर सपोर्ट करें

मनोज कापड़ी, संवाददाता,लोहाघाट।

लोहाघाट(उत्तराखंड)- इसे वन विभाग की घोर लापरवाही कहें या जंगलराज जहां लाखों रुपए की संपत्ति का कोई सुध लेने वाला नहीं है।आज विभाग की विरान पड़ी संपत्तियों पर असामाजिक तत्वों ने डेरा डाला हुआ है। लोगों का आरोप है कि यहां सामाजिक एवं आवारा लोगों का ऐसा अड्डा बना हुआ है कि यहां से लोग गुजरने का साहस तक नहीं कर पाते हैं। पहले इन भवनों में वन विभाग का रिसर्च रेंज कार्यालय हुआ करता था। जहां कर्मचारियों के बकायदा आवास भी बने हुए हैं।

लगभग तीन वर्ष पूर्व यहां से रिसर्च रेंज कार्यालय पिथौरागढ़ शिफ्ट किए जाने के बाद यहां की संपत्ति प्रभागीय वनाअधिकारी, चंपावत को सौंप दी गई, लेकिन डीएफओ कार्यालय द्वारा इन संपत्तियों का अधिकार तो प्राप्त कर लिया किंतु इनकी देखरेख करने के बजाय इन्हें लावारिस अवस्था में छोड़ दिया गया।

यह भी पढ़ें 👉  टनकपुर: आतिशबाजी के दौरान ग्राम पंचायत मनिहार गोठ में एक युवक गंभीर रूप से हुआ घायल, एक आँख बुरी तरह से हुई जख़्मी, टनकपुर में प्राथमिक उपचार के बाद किया हायर सेंटर रेफर

इस संबंध में डीएफओ आरसी कांडपाल से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया, अलबत्ता रेंजर दीप जोशी ने बताया कि अब इस वक्त भवनों की जवाबदेही लोहाघाट रेंज की है। उन्होंने माना कि देखरेख के अभाव में यहां के सभी भवन लावारिस पड़े हैं तथा यहां असामाजिक तत्वों द्वारा अपना अड्डा बनाए जाने से इनकार नहीं किया जा सकता। श्री जोशी का कहना है कि यहां एक रोज पहले एक चौकीदार रख दिया गया है जो संपत्ति की देखरेख करेगा ।उनका यह भी कहना है कि आवासीय भवनों की मरम्मत व रंग रोगन करना तथा यहां बन विभाग का गेस्ट हाउस बनाना प्रस्तावित किया गया है।

यह भी पढ़ें 👉  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रभावितों के बीच मनाई दीपावली,काली गाड़, सीएम ने देहरादून के मझाड़ा गाँव एवं सहस्त्रधारा क्षेत्र के आपदा प्रभावितों से भेंट कर उनकी समस्याओं को सुना

फिलहाल एक तरफ जहां राज्य सरकार 2025 तक राज्य को नशा मुक्त करने के संकल्प पर काम कर रही है,वही लोहाघाट में वन विभाग की वीरान पड़ी संपत्ति नशेड़ीओ का अड्डा बनती जा रही है, वीरान पड़े वन विभाग के इस भवन में नशेड़ियों के विभिन्न ग्रुप शराब, चरस सहित कई तरह के नशे करते देखे जा सकते है।नशे के बाद खाली शराब व बियर की बोतले व नशे के अन्य उपयोग उपरांत फेंके गए सामान से वन विभाग भवन परिसर भरा पड़ा है।

यह भी पढ़ें 👉  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रभावितों के बीच मनाई दीपावली,काली गाड़, सीएम ने देहरादून के मझाड़ा गाँव एवं सहस्त्रधारा क्षेत्र के आपदा प्रभावितों से भेंट कर उनकी समस्याओं को सुना

वन विभाग को फिलहाल जहां अपनी संपत्ति के संरक्षण हेतु आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता है। वहीं पुलिस प्रशासन को नशेड़ी ओके अड्डे बनते जा रहे लोहाघाट के इस वीरान वन विभाग के भवन पर समय-समय पर छापेमारी अभियान चला मैं चोरियों पर अंकुश लगाने की अति आवश्यकता है। ताकि असामाजिक तत्वों का अड्डा बनता जा रहा है वन विभाग का वीरान भवन जहां संरक्षित हो सके वही नशेड़ियों पर भी अंकुश लग सके।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad
Ad

Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 18 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

Related Articles