

टनकपुर(चंपावत)- चंपावत जिले के बूम वन रेंज क्षेत्र के टनकपुर इलाके में मादा हाथी का संदिग्ध परिस्थितियों में शव मिलने से वन विभाग में हड़कंप मच गया।हाथी के शव मिलने की सूचना मिलने पर बूम वन रेंज के रेंजर गुलजार हुसैन ने वन विभाग की टीम के साथ जहां मौके का मुआयना किया।वही वन विभाग ने मादा हाथी की मौत को प्रथम दृष्टया हाथियों के आपसी संघर्ष की आशंका व्यक्त की।फिलहाल मादा हाथी के शव का पोस्टमार्टम कर उसे सुरक्षित दफनाया गया है।
पूरे मामले के अनुसार रविवार को चम्पावत वन प्रभाग के टनकपुर बूम रेंज के नघान वन क्षेत्र में एक मादा हाथी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मौत की वजह अभी साफ नहीं है, लेकिन वन विभाग आपसी संघर्ष में मादा हाथी की मौत की आशंका जता रहा है। मौके पर हाथी के पोस्टमार्टम के बाद शव को दफना दिया गया है।रेंजर बूम वन रेंज गुलजार हुसैन के मुताबिक गश्त पर निकले वन कर्मियों को मादा हाथी नघान वन क्षेत्र में नाले से सटे जंगल में बेहोश हाल में मिली। गश्त टीम ने वन अफसरों को फोन पर इसकी जानकारी दी। इसके बाद वन विभाग के अफसर और स्थानीय लोग मौके पर गए। पशु चिकित्साधिकारी विजयपाल प्रजापति और चल्थी पशु केंद्र की चिकित्सक प्रीति बिष्ट ने हथिनी को मृत घोषित किया।
जानकारी मिलने पर विभागीय अधिकारियों की टीम ने मौका मुआयना किया है। हथिनी की उम्र करीब 15 साल बताई गई है। वन विभाग ने हालात को देखते हुए आपसी संघर्ष में मादा हाथी की मौत की आशंका व्यक्त की है। वन विभाग के अनुसार हथिनी के शरीर पर हल्की चोट के निशान भी मिले हैं।
गौर तलब है की करीब डेढ़ दो महिने पहले भी चम्पावत जिला मुख्यालय के निकटवर्ती ग्राम ढकना क्षेत्र के जंगल एक हथियानौले के समीप बाघ का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला था।वन विभाग ने उस वक्त भी बाघ की मौत को भी आपसी संघर्ष माना था,,लेकिन बाघ के मौत मामले में अभी तक वन विभाग की ओर से उस संबंध में कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है। जबकि अब देखना होगा कि मादा हाथी की मौत की जांच होगी या नहीं होगी,या बाघ की मौत की तरह ठंडे बस्ते में हाथी की संदिग्ध मौत भी चली जायेगी।
फिलहाल वन विभाग मादा हाथी की मौत को आपसी संघर्ष में मौत होने की आशंका व्यक्त कर रहा है।हाथी के पीएम के उपरांत शव को सुरक्षित दफना दिया गया है।वही सूत्रों के अनुसार मादा हाथी के उक्त क्षेत्र में बीमार रूप में उक्त क्षेत्र में विचरण करने की जानकारी भी सामने आ रही है।अब बड़ा सवाल है की मादा हाथी को समय से इलाज ना मिल पाने से उसकी मौत हुई या आपसी संघर्ष यह वन अधिकारियों के जांच का विषय है।






