बनबसा(उत्तराखण्ड)- भारत नेपाल सीमा लगे बनबसा क्षेत्र की युवा प्रतिभाएं अब सेना में अफसर बन इस सीमान्त इलाके का नाम रोशन करने लगे है।पिछले कुछ समय की अगर बात की जाए तो बनबसा क्षेत्र से ही चार युवा प्रतिभाओं ने सेना में अफसर बन उत्तराखण्ड व चम्पावत जिले के बनबसा का नाम रोशन किया है।बीते रोज भी देहरादून आईएमए में हुई पासिंग आउट परेड में बनबसा के देशी फार्म निवासी योगेश चंद ने लेफ्टिनेंट बन बनबसा के लोगो का सर गर्व से ऊंचा किया है।
बनबसा निवासी योगेश चंद की अगर बात करे तो उनके पिता कमल चंद सिग्नल कौर से हवलदार पद पर सेवानिवृत हुए है।योगेश ने अपनी पढ़ाई बनबसा एनएचपीसी स्थित केंद्रीय विद्यालय 2 में पूरी की।2014 में योगेश सेना में सिपाही के पद पर भर्ती हो 2017 तक सेना में सिपाही के पद पर रहे।लेकिन सेना में अफसर बनने की ललक में उनके द्वारा लगातार की जा रही तैयारियों के दम पर आखिर कार वह सेना में अफसर बन ही गए।2017 में सेना में ऑफिसर पद पर होने के बाद 12 जून शनिवार को आईएमए देहरादून में कंधों में स्टार लगा बनबसा क्षेत्र के एक ओर युवा ने लेफ्टीनेंट बनने का गौरव प्राप्त किया।
जबकि जून माह के पहले पखवाड़े में ही बनबसा की पिंकी बिष्ट पुत्री स्वर्गीय मोहन सिंह बिष्ट ने नर्सिग लेफ्टिनेंट बन बनबसा क्षेत्र को गौरवांवित पल देने का काम किया था।वही बनबसा की ही चन्दनी निवासी कोमल देउपा पुत्री स्वर्गीय देवेंद्र चंद देउपा ने भी नर्सिग लेफ्टिनेंट बन दो वर्ष पहले क्षेत्र का नाम रोशन किया था।कोमल के बड़े भाई नितिन चंद देउपा सेना में कार्यरत है।वही सबसे बड़ी बात दोनों ही बनबसा की अफसर बेटियों के सिर से पिता का साया उठ जाने के बावजूद भी अपनी मेहनत व जुजुन के दम पर आज बनबसा क्षेत्र की दोनों बेटिया सेना में अफसर बन बनबसा क्षेत्र की अन्य बेटियों को प्रेरणा देने का काम कर रही है।
वही बनबसा चंदनी के भूपेंद्र चंद ने भी कुछ माह पहले सेना में लेफ्टिनेंट बन बनबसा क्षेत्र का नाम रोशन किया था।भूपेंद्र जहां किसान दिलीप चंद के बेटे है।वही सामान्य परिवार से होने के बावजूद आप अपनी मेहनत व प्रतिभा के दम पर भारतीय सेना में अफसर है।बनबसा क्षेत्र ने पिछले कुछ समय से जिस प्रकार युवा प्रतिभाएं सेना में अफसर बन इस सीमान्त क्षेत्र का नाम रोशन कर रहे है।वही यह कहना बिल्कुल भी अब अतिशयोक्ति नही होगा कि बनबसा की धरती उन प्रतिभाओं को पैदा कर रही है जो भारतीय सेना में अफसर बन उत्तराखण्ड के इस छोटे इलाके को एक अलग पहचान के रूप में स्थापित कर रहे है।सैनिक बाहुल्य इस इलाके से अफसरों के खेप तैयार होना इस क्षेत्र यहां की आवाम व उत्तराखण्ड के लिए भी एक सुखद अनुभूति है।