सुभाष बड़ोनी(उत्तरकाशी)
उत्तरकाशी(उत्तराखण्ड)- उत्तराकाशी जनपद में सतोपंथ चोटी के आरोहण के लिए गई भारतीय सेना के पर्वतारोहियों ने एक पर्वतारोही के शव के अवशेषों को 16 साल बाद खोज निकाला है।2005 में पर्वतारोहण के दौरान लापता हुए सेना के जवान का शव सेना द्वारा गंगोत्री लाया था। जिसको स्थानीय पुलिस के सुपुर्द किया गया है।पर्वतरोहन दल द्वारा खोजे गए शव की शिनाख्त आर्मी ऑर्डिनेंस कोर के पर्वतारोही नायक अमरीश त्यागी निवासी मोदीनगर गाजियाबाद के रूप में हुई है। स्थानीय पुलिस ने सेना को शव सौंप दिया है ।जिसके उपरांत पार्थिव शव जवान के घर के लिए रवाना कर दिया गया है।
हम आपको बता दें कि वर्ष 2005 में आर्मी ऑर्डिनेंस कोर का एक दल सतोपंथ चोटी के आरोहण के लिए गया था। उस समय कुछ पर्वतारोही आरोहण के दौरान दुर्घटना का शिकार होकर लापता हो गए थे।जिसमे नायक अमरीश त्यागी भी थे जो 2005 से ही लापता चल रहे थे।
भारतीय सेना का लेफ्टिनेंट कर्नल हर्षदीप गहलोत ने मीडिया को बताया कि सतोपंथ चोटी से लाए गए शव की शिनाख्त के लिए 2005 में आर्मी ऑर्डिनेंस कोर के सतोपंथ चोटी के आरोहण के लिए गए जवानों से पूछताछ की गई। जिसके बाद शव की शिनाख्त नायक अमरीश त्यागी के रूप में हुआ है। वहीं शहीद जवान के परिजनों ने उत्तरकाशी पुलिस को पत्र लिखकर पार्थिव शरीर को हर्षिल स्थित बिहार रेजिमेंट को सौंपने की बात कही है। जिसके बाद शव का पोस्टमार्टम और डीएनए सेंपल लेने के बाद पुलिस की और कॉन्स्टेबल नवीन कवि और उत्तम पुंडीर ने शव को सेना के सुपुर्द किया है।
पर्वतारोही शहीद नायक अमरीश त्यागी के पार्थिव शव को सेना द्वारा कब्जे में लिए जाने के बाद तिरंगे के साथ कलक्ट्रेट परिसर में बिहार रेजिमेंट के जवानों ने सैन्य सम्मान के साथ सलामी दी है। उसके बाद सेना का जवान पार्थिव शव को लेकर शहीद के घर मोदीनगर गाजियाबाद के लिए रवाना हो गए हैं। बता दें कि बीती गुरुवार को सतोपंथ चोटी के आरोहण के लिए गए थे सेना के जवानो को वहां पर शव के अवशेष मिलने के बाद उसे अपने साथ गंगोत्री ले आए थे और उसके पुलिस ने शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था।फिलहाल सोलह साल बाद सेना के जवान के शव मिलने