खटीमा(उत्तराखंड)- उत्तरांचल पंजाबी महासभा खटीमा हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी भारत पाकिस्तान विभाजन के समय 1947के बाद पाकिस्तान छोड़ भारत आए खटीमा निवासी बुजुर्गो को शॉल उड़ा व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में पहुंचे बुजुर्ग जनों निर्वाचन के दंश की अपनी स्मृतियों को कार्यक्रम में साझा किया।
खटीमा के मेलाघाट रोड स्थित शगुन बेंक्वट हॉल में आयोजित “मेरे बुजुर्ग मेरे धरोहर” कार्यक्रम में भारत विभाजन के समय पाकिस्तान से आए बुजुर्गों को शॉल ओढ़ाकर एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया ।इस सम्मान समारोह में उत्तरांचल पंजाबी महासभा ने खटीमा तहसील क्षेत्र में रहने वाले उन सभी बुजुर्गो को सम्मानित करने का काम किया जो की अपने परिजनों के साथ 1947के बाद पाकिस्तान छोड़ भारत आए थे।वही भारत आने के उपरांत खटीमा क्षेत्र में निवासरत है।
सम्मानित होने वाले बुजुर्गो में मुख्य रूप से पुष्पा अरोड़ा श्रीमती सुदेश अरोड़ा, मदनलाल ढींगरा, श्रीमती मान कोर, श्री जनक सिंह, श्रीमती अमन कौर, श्री ओम प्रकाश छाबड़ा, श्रीमती सरोज छाबड़ा, श्रीमती सरोज रानी बत्रा, श्रीमती कुलदीप कौर, श्रीमती सुरेंद्र कौर, श्री करनैल सिंह, श्रीमती महेंद्र कौर, श्रीमती स्वर्ण कौर, श्री गोविंदराम, श्रीमती अमर कौर आदि बुजुर्गों को सम्मानित कर उनका आशीर्वाद लिया गया।
सम्मान समारोह में अपने पूर्वजों को याद करते हुए जिन्होंने अपनी प्राण की परवाह किए बिना विभाजन का दंश झेलते हुए अपने धर्म की रक्षा की और बंटवारे के समय हिंदुस्तान में आकर बसे ऐसे बुजुर्गों को याद मे कार्यक्रम आयोजित किया गया।कार्यक्रम का संचालन राजकुमार गुंबर एवं जितेंद्र बत्रा ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से पूर्व सभासद अनिल बत्रा विजय अरोरा मनोज वाधवा जितिन ग्रोवर ,मनोज गुलाटी हरीश बत्रा, सचिन विज, जसविंदर सिंह पप्पू, मनोज छाबड़ा, दीपक मारवा ,सुधीर बत्रा, सोनिया सुनेजा, पूजा बत्रा, आरती डाबर ,ट्विंकल बत्रा, कुलदीप गंभीर, बिट्टू ग्रोवर, ट्विंकल दत्ता, राजू सुनेजा,संरक्षक सरदार जनक सिंह ,बाबूराम अरोड़ा, राहुल अरोड़ा आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।