खटीमा: खटीमा के प्रभुत्व कवियों ने भारतीय सैनिकों की वीर गाथाओं को काव्य रचनाओं से किया बेहतरीन रूप में प्रदर्शित,अजीम प्रेम जी फाउंडेशन के सभागार में आयोजित काव्य गोष्ठी में देश प्रेम व सैनिक सम्मान से ओतप्रोत कविताओं का हुआ प्रस्तुतिकरण

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खटीमा(उधम सिंह नगर) – 1 जून 2025 को खटीमा के थारू इंटर कॉलेज परिसर में स्थिति अजीम प्रेम जी फाउंडेशन के सभागार में साहित्य अकादमी खटीमा के बैनर तले रामरतन यादव और त्रिलोचन जोशी के आयोजन एवं संयोजन में शानदार कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया।कवि गोष्ठी में भारतीय सैनिकों के शौर्य और बलिदान का कवियों ने अपने- अपने अंदाज में बेहतरीन बखान किया।

गोष्ठी का प्रारंभ त्रिलोचन जोशी द्वारा मांँ सरस्वती की वंदना “है द्वार खड़े दीप लिए बाल तुम्हारे,स्वीकार करो वेदमयी भाव हमारे” से हुआ। काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता डॉ महेंद्र प्रताप पांडे ‘नंद’ जी द्वारा की गई।मुख्य अतिथि के रूप में भानु प्रताप कुशवाहा खंड शिक्षा अधिकारी खटीमा, विशिष्ट अतिथि वरिष्ट साहित्यकार डॉ रूपचंद्र शास्त्री ‘मयंक’ और प्रसिद्ध साहित्यकार व कवि डॉ जगदीश ‘कुमुद’ पंत रहे।

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कार्यक्रम का कुशल संचालन शिक्षक व कवि राम रतन यादव ने किया।कार्यक्रम में कवियों की शानदार प्रस्तुति इस प्रकार रही
तुलसी बिष्ट ने कहा,
युद्ध न कोई विकल्प और न कोई समाधान होता है,
अपनों से ही बिछुड़ना युद्ध का परिणाम होता है।।
त्रिलोचन जोशी ने कहा-
मिट्टी में मिल जाएगा, मत छेड़ हमारी सेना को,
बैठे बैठे पिट जाएगा,मत छेड़ हमारी सेना को।
राम रतन यादव ने शत्रुओं को चेताया,
देख के अलबेले की टोली, सीमा से हट जाता है।
सुनके भारत मांँ की, जय जय दुश्मन भी थर्राता।।
सुचिता अजय श्रीवास्तव जी ने कहा-
यह दुआ करों सब मिलकर जिए वीर सिपाही हमारे ,
कोई आंच न उन पर आए वह माँ की आँखों के तारे।।
श्यामवीर सिंह चातक,
तीन सजाते देश को सती संत अरु शूर,
तीन लजाते देश को कायर कुटिला क्रूर।
बसंती सामंत जी ने पढ़ा,:
ले रहे हैं खुलके जो सांस आज हम
खिल रहा है चमन सा ये अपना वतन
डॉ महेंद्र प्रताप पांडे की पंक्तियां :-
मेरा देश है हिंदुस्तान तुम्हारा मुल्क है पाकिस्तान
सुनो मेरी जान बताऊं,तुम्हे कुछ याद दिलाऊं।
सत्यपाल सिंह सजग द्वारा:-
फुलों की घाटी हुई, पहलगांव बे-नूर
धर्म पूछकर मांग से, मिटा दिया सिंदूर प्रमुख रही।

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इनके अतिरिक्त कार्यक्रम में अन्य कवियों में दीपक फुलेरा , हेमा जोशी ‘परु’जी, बसंती सामंत जी, कैलाश पांडे, रामचंद्र दद्दा, माया जोशी, रविंद्र पांडे ‘पपीहा’,आलोक सिंह ने अपनी शानदार काव्य रचना प्रस्तुति से कार्यक्रम को सफल बनाया। अंत में संचालक राम रतन यादव ने अजीम प्रेमजी फाउंडेशन और सभी साहित्यकारों एवं कवियों का काव्य गोष्ठी आयोजन सफल बनाने हेतु आभार प्रकट किया।

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Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 18 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

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