खटीमा; राज्य आंदोलनकारियो के परिजनों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के एक्ट लागू होने उपरांत भी अभी तक नियुक्ति न मिलने पर सभी सरकारी कार्यक्रमों का बहिष्कार करेंगे न्युक्ति से वंचित राज्य आंदोलनकारी व आश्रित परिवार; भगवान जोशी वरिष्ट राज्य आंदोलनकारी

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खटीमा(उधम सिंह नगर) – – उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी एवं उनके आश्रित ऐसे अभ्यर्थी जिन्होंने विभिन्न विभागों में 10% क्षैतिज आरक्षण के तहत प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है, तथा पिछले एक दशक से अपनी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं ।लेकिन 10% क्षैतिज आरक्षण का विधिवत एक्ट पास होने के बाद भी राज्य सरकार PIL 67 के तहत नियुक्ति से वंचित सैकड़ो उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी तथा उनके आश्रितों को नियुक्ति देने में आनाकानी कर रही है जो की धामी सरकार की तरफ से की जा रही घोर नाइंसाफी है।ऐसा कहना है उत्तराखंड के वरिष्ट राज्य आंदोलनकारी भगवान जोशी का ,जिन्होंने 10 प्रतिशत क्षेतिज आरक्षण एक्ट राज्य सरकार से पास होने के उपरांत भी राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों को न्युक्ति ना मिलने को दुर्भाग्य पूर्ण बताया है।

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उनके अनुसार एक ओर राज्य सरकार 2004 से लेकर अब तक हुई सभी नियुक्तियों को एक्ट के तहत अपना संरक्षण प्रदान करते हुए उनके अधिकारों की रक्षा कर कर रही है वहीं दूसरी और एक्ट पारित होने के पश्चात लगातार प्रतियोगी परीक्षाओं में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को एक्ट की शक्तियों का इस्तेमाल कर नियुक्तियां प्रदान कर रही है। लेकिन PIL 67 के अधीन रोकी गई नियुक्तियों के प्रति मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं उनकी अफ़सरशाही नियुक्ति का इंतजार कर रहे पीड़ितों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है,जो कि घोर निंदनीय है।

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वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भगवान जोशी जो कि स्वयं भी इस समस्या से पीड़ित हैं तथा लगातार राज्य आंदोलनकारियो के अधिकारों की लड़ाई लड़ते आ रहे हैं उन्होंने मुख्यमंत्री से उपरोक्त मामले में दखल करने की मांग की है तथा एक्ट में समाहित शक्तियों के आधार पर नियुक्ति से वंचित पीड़ितों को नियुक्ति प्रदान करने की मांग की है। वरिष्ठ आंदोलनकारी भगवान जोशी ने चेतावनी दी है कि प्रदेश सरकार अविलंब एक्ट की शक्तियों के तहत निर्णय लेकर प्रतियोगिताओं में उत्तीर्ण ( PIL 67 के अंतर्गत रोके गए) अभ्यर्थियों को तत्काल नियुक्ति प्रदान करें। अन्यथा समूचे उत्तराखंड में नियुक्ति से वंचित सभी राज्य आंदोलनकारी तथा आश्रित परिवार राज्य आंदोलन से संबंधित सभी सरकारी कार्यक्रमों का बहिष्कार करने पर मजबूर होंगे।

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वरिष्ट राज्य आंदोलनकारी भगवान जोशी ने 1 सितंबर( शहीद दिवस) पर सरकार द्वारा गंभीरता पूर्वक निर्णय लेकर वर्षों से बाट जोह रहे आंदोलनकारी परिवारों को हर हाल में राहत प्रदान करने की अपील की है।उन्होंने कहा की उन्हे उम्मीद है की एक सितंबर को प्रदेश के मुखिया जरूर राज्य आंदोलनकारियों की इस महत्वपूर्ण मांग पर न्युक्ति की घोषणा कर राज्य आंदोलनकारियों की भावनाओ का सम्मान करेंगे।

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Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 18 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

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