खटीमा(उधम सिंह नगर)- खटीमा के अधिवक्ता,राज्य आंदोलनकारी,व्यापारी,पूर्व सैनिक, पेंशनर सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों ने बुधवार को हाईकोर्ट के एक वेंच को ऋषिकेश में स्थापित किये जाने के विरोध स्वरूप एसडीएम खटीमा के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।साथ हाईकोर्ट बेंच के ऋषिकेश सिफ्टिंग के फैसले का मजबूत विरोध दर्ज कराया।इस अवसर पर खटीमा अधिवक्ता एसोसिएशन, राज्य निर्माण आन्दोलनकारी समिति, भूतपूर्व सैनिक संगठन, व्यापार मण्डल, उत्तराखण्ड गर्वमेंट पेंशनर समिति, कुमांऊ सांस्कृतिक उत्थान समिति व पूर्व छात्र संघ पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से तहसील में एकत्र होकर संयुक्त रूप से एसडीएम रविन्द्र सिंह बिष्ट के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेज हाईकोर्ट की एक वेंच को ऋषिकेश में स्थापित करने के हाईकोर्ट के मौखिक निर्णय को स्थगित किया जाने की मांग की।
ज्ञापन में उन्हांने कहा कि यह विषय जनहित से जुड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री धामी उक्त मामले को संज्ञान में लेकर इसका उचित समाधान निकाले। उन्हांने कहा कि पूर्व से ही हाईकोर्ट नैनीताल में स्थापित है,जिसको हल्द्वानी गोलापार स्थानान्तरित किये जाने का प्रस्ताव था जो न्याय संगत है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट को लेकर जनमत संग्रह कराना गलत निर्णय है। इससे उत्तराखण्ड को कुमांऊ-गढ़वाल में बांटने जैसा होगा। जबकि राज्य निर्माण की लड़ाई सभी ने मिलकर लड़ी थी। उन्हांने मुख्यमंत्री धामी से कोर्ट के मौखिक आदेश को विधिक तरीके से रोक लगाने की मांग की।
ज्ञापन सौंपने वालों में खटीमा अधिवक्ता एसोसिएशन अध्यक्ष सूरज सिंह राणा, सचिव हरजीत सिंह, मनोहर लाल विश्वकर्मा, ममता शर्मा, अधिवक्ता केडी भट्ट, हरीश जोशी, दयाकिशन कलोनी, रामबचन, अमित अग्रवाल, लखविंदर सिंह, विवेक जोशी, केडी पांडे, भरत पांडे, चंचल सिंह, एमसी भट्ट, मो. इलियास सिद्दीकी, अमित पाण्डे,पंकज सिंह,सतीश भट्ट, शिवशंकर भाटिया, बीएस मेहता, अजय बिष्ट, ठाकुर सिंह खाती, भुवन भट्ट, गंभीर सिंह धामी, धन सिंह सामंत, गौरीशंकर अग्रवाल, हिमांशु अग्रवाल, अजय सिंह अज्जू, अनिल चंद, जानकी गोस्वामी,आदि मौजूद रहे।