लोहाघाट(चंपावत)- किस प्रकार उच्च शिक्षा प्राप्त कर युवा उपाध्याय दंपति ने नौकरी के लिए चप्पल घिसने के बजाय स्वयं को खेती से जोड़कर स्वाभिमान से जीवन जीने का माध्यम बनाकर पहाड़ के युवाओं की तीसरी आंख खोल दी है। इसे देखने के लिए लोहाघाट से मात्र 8 किलोमीटर दूर बुंगाफर्त्याल गांव में इस दंपति के पुरुषार्थ को सलाम किए बिना कोई नहीं रह सकता।
फौजी नारायण दत्त उपाध्याय के बेटे राकेश ने एमबीए करने के बाद बिना समय गंवाए अपने गांव की पुश्तैनी जमीन से नाता जोड़कर यहां सब्जी उत्पादन, बागवानी, नर्सरी, डेयरी आदि तमाम उद्यम शुरू कर दिए। यही नहीं गांव की इस सुरम्य भूमि के शिखर, जहां से दमकता हिमालय दिखता है, वहां होम-स्टे भी तैयार कर लिया। शिवध्वनि नाम के इस होम स्टे का रविवार को समारोह पूर्वक पूर्व विधायक पूरन सिंह फर्त्याल ने लोकार्पण किया।
खेती प्रकृति की ऐसी देन है जहां एक दाना बोने के बाद सौ दाने लौटते हैं। इससे अधिक फायदा कहीं नहीं है। इसी सोच को माध्यम बनाकर ऊंची उड़ान भर रहे राकेश को कंप्यूटर साइंस में डिग्री धारक हेमा उपाध्याय ऐसी जीवन संगिनी मिली है, जो उनके घर के लिए श्री व लक्ष्मी बनकर आई है तथा परछाई की तरह राकेश के साथ काम कर रही हैं। राकेश के पास लगभग 80 नाली भूमि है, जिसमें अभी इन्होंने कम भूमि आबाद की है। इनका इरादा पूरी भूमि को आबाद कर यहां फल-फूलों,जड़ी बूटियां की नर्सरी बनाने के साथ बड़ी डेयरी व मौन पालन को भी बढ़ावा देने का है।
राकेश इंटीग्रेटेड एवं वर्टिकल फार्मिंग का अपने यहां मॉडल भी बनाकर युवाओं को संदेश देना चाहते हैं कि हमें अपने पुरुषार्थ एवं लगन के बल पर स्वयं की तकदीर एवं क्षेत्र की तस्वीर बदल सकते हैं। राकेश दंपति के उत्साह व उमंग को बढ़ाने के लिए होम स्टे उद्घाटन के मौके पर देहरादून से डीएसओ मीनाक्षी जोशी, ग्राम विकास पर पकड़ रखने वाली हेमा दीदी, डेयरी के डॉक्टर अमित तिवारी, डॉक्टर खान के एन कलोनी समेत तमाम लोगों ने आकर राकेश दंपति की पीठ थपथपाई । राकेश दंपत्ति ने सभी का स्वागत करते हुए आभार जताया।