लोहाघाट(उत्तराखंड)- राज्य सरकार द्वारा सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए राज्य स्तर पर चलाई जा रही मुहिम से जहां अतिक्रमणकारियों के हौसले पस्त हैं। लेकिन कई ऐसे विभाग हैं जो अपने यहां हुए अतिक्रमणों की सही जानकारी नहीं दे रहे हैं।
अतिक्रमण करने वालों में ऐसे दमदार लोग हैं, जिनकी सब जगह तूती बोलती है। लोहाघाट में पानी की टंकी के पास जल संस्थान, आयुर्वेदिक चिकित्सालय के पास, डाक बग्ला रोड, लाशघर के ऊपर तो देवदार बनी के बीच में दुर्लभ पेड़ों को सुखाकर सरकारी जमीन का अतिक्रमण किया जा रहा है। यहां अस्पताल की भूमि में भी बड़ा अतिक्रमण हुआ है। नगरपालिका की दुकान नंबर 6 के सामने अतिक्रमण किया गया है।इस सबके बावजूद विभागीय अधिकारी अतिक्रमण को लेकर सही आंकड़ा प्रस्तुत नही कर रहे है।
हालांकि जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह भंडारी द्वारा इस संबंध में कई बार अधिकारियों की बैठक ली जा चुकी है। इसके बावजूद भी विभागीय अधिकारियों द्वारा अतिक्रमकारियों कार्यों के प्रति उदार रवैया क्यों अपनाया जा रहा है, इससे कई सवाल पैदा हो रहे हैं। पाटी बाजार में वन पंचायत की भूमि में धड़ल्ले से अतिक्रमण चल रहा है। इसी प्रकार वन विभाग की भूमि में भी अतिक्रमण हुआ है, लेकिन मजे की बात यह है कि अधिकारियों का अतिक्रमण कार्यों के प्रति ऐसा दृष्टिकोण क्यों पैदा हो रहा है ? यह आम लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोगों का कहना है कि जब तक अधिकारियों को इस कार्य के लिए व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदार नहीं माना जाता है, तब तक अतिक्रमण को हटाना संभव नहीं है।