लोहाघाट: गहतोड़ी बंधुओं ने बदली तोली गांव की तस्वीर एवं लोगों की तकदीर,आप भी पढ़े आखिर कैसे?

ख़बर शेयर कर सपोर्ट करें

गणेश दत्त पांडे,वरिष्ट पत्रकार लोहाघाट।

लोहाघाट(चंपावत)- गहतोड़ी बंधुओं ने पाटी ब्लॉक अंतर्गत तोली गांव में अपने श्रम के बल पर गांव की तस्वीर एवं लोगों की तकदीर ही बदल दी है। सेना से रिटायर होने के बाद घर आए सूबेदार कृष्णानंद गहतोड़ी एवं उनके सहयोगी पीतांबर गहतोड़ी ने ऐसा कार्य किया है, जिससे गांव के लोग इन दोनों लोगों को कभी नहीं भूल सकते।

गहतोड़ी बंधुओं ने मिलकर सब्जी उत्पादन के साथ मत्स्य एवं फल उत्पादन का कार्य भी शुरू किया। उन्होंने पहले एक छोटे से तालाब में स्थानीय प्रजाति की मछलियां डाली, जिनके बड़े होने पर उन्होंने शीतोष्ण मत्स्य पालन केंद्र, भीमताल एवं चंपावत के मत्स्य वैज्ञानिकों से संपर्क किया। वैज्ञानिकों ने यहां मत्स्य बीज उपलब्ध कराकर गांव के अन्य लोगों को भी इस कार्य के लिए प्रेरित किया।जल संचय की गहतोड़ी बंधुओं ने जो युक्ति अपनाई उसे समय समय पर वैज्ञानिकों ने काफी सराहा। आज इस गांव के अलावा जौलाड़ी, रौलमेल, किमाड़ी, भुम्वाड़ी , चौड़ाकोट आदि कई गांव में लोग मत्स्य पालन कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें 👉  रसगुल्ले खाना चार परिवारों पर पड़ा भारी,बारात के रसगुल्ले खाकर चार परिवारों के चौदह लोग हुए फ़ूड पॉइजनिंग का शिकार

गहतोड़ी बंधु फल उत्पादन के साथ मौनपालन भी करते हैं। उनका कहना है कि बगैर मौनपालन के फल उत्पादन एवं सब्जी उत्पादन का कार्य फलीभूत नहीं होता है। मौनों द्वारा किए जाने वाले पोलिनेशन से 30 से 35 फ़ीसदी तक सब्जियों का उत्पादन होता है वर्तमान में इस गांव के लोगों ने स्वयं इंटीग्रेटेड फार्मिंग के रूप में अपनी पहचान बनाई हुई है।

Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 15 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

Related Articles