
लोहाघाट(उत्तराखंड)- एसएसबी के गुरिल्लों द्वारा लंबे समय से अपना संघर्ष जारी रखते हुए मंगलवार को कचहरी परिसर में धरना दिया और प्रदर्शन किया। इससे पूर्व नगर के प्रसिद्ध रिश्वेश्वर महादेव मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद भगवान शिव का आशीर्वाद लिया तथा नारेबाजी के साथ कचहरी परिसर पहुंचे।
गुरिल्ला संगठन के शीर्ष नेता ब्रह्मानंद डालाकोटी ले गुरिल्लों की रैली को संबोधित करते हुए कहा कि यह उत्तराखंड एवं देश का ऐसा आंदोलन है, जिसे 5000 दिन से लगातार संचालित किए जाने के बावजूद भी आंदोलनकारियों को आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला है। लेकिन हमने अपनी उम्मीदों को नहीं छोड़ा है। उन्होंने पिछले 17 सालों से चलाए जा रहे आंदोलन में हुए अनुभवों का उल्लेख करते हुए कहा कि समय-समय पर केंद्र व राज्य सरकार द्वारा गुरिल्लों को समायोजित करने के आदेश तो दिए गए, लेकिन उनका कभी भी व्यवहारिक रूप में क्रियान्वयन नहीं किया गया। श्री डालाकोटी ने कहा कि आज देश चौतरफा आतंकवाद के घेरे में आता जा रहा है। इस कार्य में एसएसबी के गुरिल्लों की महत्वपूर्ण भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने पुनः अपनी मांग दोहराते हुए कहा कि जब तक गुरिल्लों को न्याय नहीं मिलता है, तब तक हुए अपना आंदोलन जारी रखेंगे।
इस अवसर पर चंपावत जिले में आंदोलन की लगातार अलख जगाने वाले जिलाध्यक्ष ललित बगौली ने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए कहा कि एसएसबी के गुरिल्लों को सम्मान दिलाने के लिए हमने अपनी क्षमता से बाहर जाकर ऐसा संघर्ष किया कि आज मैं स्वयं पुलिस की लाठियों की मार से विकलांग हो गया हूं। उन्होंने सभी साथियों से सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती है, यह संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने नेताओं को भी चेतावनी दी कि अब वह आर पार की लड़ाई के लिए तैयार रहें।

इस अवसर पर सुरेश गहतोड़ी, गोपाल राणा, गोपाल मनराल, मोहन खर्कवाल,जीवन जोशी, रूद्र सिंह केडी सूतेडी, ललित मोहन जोशी, खिलानंद पंत, लक्ष्मी देवी, माया देवी, मीरा देवी ने भी विचार रखे। गुरिल्लों ने एसडीएम के प्रतिनिधि को ज्ञापन दिया।






