सीमा से जुड़े प्रथम गांवों के समग्र विकास से माटी का तिलक लगाने अपने घरों को लौटने लगेंगे लोग
लोहाघाट(उत्तराखंड)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सीमांत क्षेत्र के दौरे से पर्यटन, धार्मिक पर्यटन, विकास एवं रोजगार के नए युग की शुरुआत होने के साथ सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों का मनोबल और ऊंचा होगा। सीमा से जुड़े प्रथम गांवों के समग्र विकास से जहां लोग पुनःअपनी माटी का तिलक लगाने के लिए यहां आने लगेंगे बल्कि इससे हमारी रक्षा पंक्ति भी मजबूत होगी। सीमा में रहने वाले लोग हमारे बिना वर्दी के ऐसे सैनिक हैं जो अपनी मौजूदगी से देश की सीमाओं की सुरक्षा में लगे हुए हैं। यह बात उत्तराखंड के वरिष्ठ मंत्री सतपाल महाराज ने कही।
प्रधानमंत्री के भ्रमण में शामिल होने पिथौरागढ़ जा रहे महाराज लोहाघाट में कुछ समय के लिए रुके। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि हिमालयी क्षेत्र से पीएम का विशेष लगाव रहा है। वह पहले ही कह चुके हैं कि अगला दशक उत्तराखंड के विकास का होगा। उनके इस भावात्मक लगाव के कारण ही अब बगैर वीजा के लोग ओम पर्वत, आदि कैलाश व ओल्ड लीबियाधूरा से देवाधिदेव शिव के विभिन्न रूपों का दर्शन कर सकेंगे।
प्रधानमंत्री का हिमालयी क्षेत्र में आना हम सबके लिए एक गौरव की बात बताते हुए महाराज ने कहा कि उनके बार-बार उत्तराखंड का दौरा किए जाने से लोगों में उनके प्रति इतनी आत्मीयता देखी गई है कि यहां का हर व्यक्ति उनके दर्शनों से अपने को धन्य करना चाहता है। उन्होंने बताया कि सैव,मानस माला खंड, विवेकानंद सर्किट, गोलज्यु, नाथ बाबा सर्किट आदि से यहां पर्यटन के क्षेत्र में नए आयाम जुड़ने जा रहे हैं। इससे कुमाऊं व गढ़वाल दोनों स्थानों में पर्यटकों की काफी भीड़ होने लगी है। बाद में महाराज ने एवट माउंट का भ्रमण कर वहां पर्यटन की और संभावनाओं को तलाशा कहा वह शीघ्र ही चंपावत जिले का तीन दिनी भ्रमण कर सीएम धामी की परिकल्पना के आधार पर मॉडल जिले के विकास व रोजगार के क्षेत्र में अपने अनुभव साझा करेंगे। उन्होंने एवटमाउंट को धरती का स्वर्ग बताया। अपने भ्रमण के दौरान महाराज जी पर्यटन से संबंधित संभावनाओं की तलाश में लगे हुए हैं।