बनबसा (चम्पावत)- पूरे देश में मार्च 2020 को कोरोना संक्रमण की वजह से लगे लॉकडाउन के बाद उत्तराखंड में जहां कई प्रवासियों ने देश के अन्य हिस्सों से वापसी करी। लेकिन कई प्रवासी उत्तराखंडी ऐसे भी हैं जिन्होंने इस करोना काल में उत्तराखंड में अपने-अपने क्षेत्रों में आकर कुछ बेहतर अपने समाज के लिए कर सुंदर उदाहरण पेश किया। प्रोजेक्ट बियोंड एजूकेशन टीम मुम्बई के माध्यम से बनबसा क्षेत्र में स्कूली बच्चो के लिए मदद को आगे आये कैलास उदय चंद भी उनमें से एक है।
पूर्व में प्रोजेक्ट बियोंड एजुकेशन जहां बनबसा के कई स्कूलों के बच्चो को कोरोना काल मे पढ़ाई जारी रखने हेतु उनकी फीस के रूप में आर्थिक मदद कर चुका है।वही एक बार फिर कैलास उदय चंद प्रोजेक्ट बियोंड एजुकेशन व अपनी नई सहयोगी संस्था यति सोशल फाउंडेशन के साथ मिलकर डेविड पेंटर उच्चतर माध्यमिक स्कूल, गुदमी , गडीगोठ, बनबसा में एजुकेशनल व कैरियर सेमिनार का आयोजन किया।जिसमें डेविड पेंटर माध्यमिक स्कूल के दसवीं और शारदा इंटरमीडिएट कॉलेज के दसवीं और बारहवीं के बच्चों ने प्रतिभाग किया।
संस्था द्वारा आयोजित इस सेमिनार में शिक्षा और कॉरपोरेट फील्ड से जुड़े सीनियर वक्ता शामिल हुए। जिंन्होने स्कूली बच्चो को सेमिनार में शिक्षा व भविष्य में कैरियर सम्बंधित व्याख्यान दिया।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने सभी विद्यार्थियों को मार्गदर्शन , बीपीएल परिवारों के विधार्थियों के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और उनकी आगे पढ़ाई अच्छी तरह से जारी रखने के लिए गुर बताए। सीमान्त क्षेत्र बनबसा के स्कूली बच्चों को पहली बार इस तरह के आयोजन में प्रतिभाग करने का अवसर मिला।जिसमे शामिल हो स्कूली बच्चे बेहद खुश नजर आये।इस सेमिनार में शामिल बच्चो ने कहा कि पढ़ाई में आने वाली मुश्किलों,बेहतर शैक्षिक ज्ञान के साथ ही उन्हें आगे अपने कैरियर में कैसे अच्छे अवसर मिल सकते हैं।इन विषयो पर सेमिनार में आये वक्ताओं से बेहतर मार्गदर्शन मिला।
वही प्रोजेक्ट बियोंड एजुकेशन संस्था मुम्बई ने स्कूल में टीचरों की कमी को देखते हुए व बेहद खराब आर्थिक परिस्थिति देखते हुए, एक टीचर की व्यवस्था प्रॉजेक्ट बियोंड एजूकेशन व सहयोगी संस्था यति सोशल फाउंडेशन के साथ मिलकर की है।संस्था द्वारा सेमिनार के साथ डेविड पेंटर माध्यमिक स्कूल में एक टीचर की नियुक्ति कर उसकी सेलरी की जिम्मेदारी ली।साथ ही दसवीं और बारहवीं के कुल 132 बच्चों के लिए साइंस और गणित की मास्टर माइंड बुक्स, नोट बुक्स और पेन का वितरण भी संस्था द्वारा किया गया। ताकि बच्चे इनके माध्यम से आने वाली और परीक्षाओं की और बेहतर तरीके से तैयारी कर सकें।प्रबंधक दीपक रजवार ने पांच चुने हुए बच्चों के फीस की व्यवस्था खुद करने की बात कही।रामजी बुक स्टोर के युवा व्यवसाई मनोज धामी जी ने भी कॉपी किताबें बेहद ही कम दाम में देकर, इस विद्यालय के एक जिम्मेदार भूतपूर्व छात्र होने का फ़र्ज़ निभाया।
इस सेमिनार में स्कूली बच्चो को DMGA छिनकी, खटीमा की प्रिंसिपल अंजू भट्ट , खटीमा पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर आर सी पुरोहित, राजीव गांधी नवोदय विद्यालय से सीनियर पीजीटी शिक्षक निर्मल नियोलिया, हैदराबाद के रमन अस्थाना व उनकी पत्नी रोमा तिवारी , मुम्बई से सिप्ला फार्मा में डायरेक्टर के पद पर कार्यरत शेखर टम्टा,आदि लोगो ने सेमिनार के माध्यम से बच्चो को शैक्षिक व कैरियर सम्बंधित मार्गदर्शन किया।कार्यक्रम का संचालन प्रोजेक्ट बियोंड एजुकेशन के कैलास उदय चंद ने किया।
प्रोजेक्ट बियोंड एजूकेशन के संयोजक कैलाश उदय चन्द ने इस अवसर पर बताया की संस्था से देश विदेश और उत्तराखंड से धीरे धीरे काफी लोग जुड़ने लगे हैं व उनका अगला लक्ष्य पहाड़ों में पंहुचना है।वह आगे भी संस्था के माध्यम से सीमान्त बनबसा व चम्पावत जिले के जरूरत मंद बच्चो को शैक्षिक गतिविधियों को चालू रखने हेतु सहयोग को जारी रखेंगे।इस अवसर पर शारदा इंटरमीडिएट कॉलेज के प्रिंसिपल विमल मिश्रा, डेविड पेंटर स्कूल के हैड मास्टर टम्टा जी, राजकीय महाविद्यालय बनबसा से मुकेश कुमार और डॉक्टर दिनेश कुमार गुप्ता, राजीव गांधी नवोदय विद्यालय से सीनियर पीजीटी शिक्षक निर्मल नियोलिया,रामजी बुक स्टोर के मालिक युवा व्यवसाई मनोज धामी, बनबसा के व्यवसाई प्रेम सिंह रावत स्कूल प्रबंधक दीपक रजवार, सहित अन्य अध्यापक व डिग्री कॉलेज के विद्यार्थी उपस्थित रहे।